शिमला: भाजपा मीडिया प्रमुख व सचिव प्रवीण शर्मा ने कहा कि प्रदेश में टोल टैक्स बैरियर भ्रष्टाचार के सबसे बड़े अड्डे बन गए हैं। अधिकारियों के साथ मिलीभगत व ऊंची राजनीतिक पहुंच के चलते इन बैरियरों में कार्यरत ठेकेदार नीलामी की बकाया राशि को न चुकाकर प्रदेश सरकार को करोड़ों रू. का चुना लगा रहे हैं। प्रदेश को हो रहे आर्थिक नुकसान के बावजूद सरकार इनके विरूद्ध कोई कार्यवाही न करके इस भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रही हैं
भाजपा मीडिया प्रमुख ने कहा कि प्रदेश में 55 टोल टैक्स बैरियर है और इनकी नीलामी से प्रदेश को करोड़ों रू. की आय होती है। इन बैरियरों पर कार्यरत कुछ प्रभावशाली ठेकेदारों ने पिछले तीन वर्षों से जानबूझकर नीलामी की बकाया राशि नहीं चुकाई है। वर्ष 2012-13 में 8 करोड़ 60 लाख 86 हजार 917 रू0, वर्ष 2013-14 में 11 करोड़ 56 लाख 67 हजार 747 रू., वर्ष 2014-15 में 21 करोड़ 79 लाख 34 हजार 071 रू. की राशि इन ठकेदारों ने नहीं चुकाई। इन तीन वर्षों में लगभग 42 करोड़ रू. में से मात्र 6.50 करोड़ रू. की राशि ही वापिस की गई है।
भाजपा प्रदेश मीडिया प्रमुख ने कहा कि यह सर्वविदित है कि ठेकेदार इन बैरियरों से करोड़ों रू. कमाते हैं। बावजूद इसके प्रदेश सरकार के पैसों को वापिस न करना आर्थिक अपराध है। भ्रष्टाचार के इस खेल का सबसे दुर्भाग्यपूर्ण पहलू यह है कि नीलामी के पश्चात ठेकेदारों को मासिक आधार पर सरकार के पैसे वापिस करने होते है, परन्तु जब ठेकेदारों ने पैसे वापिस नहीं किए तो कोई कार्यवाही न करके अधिकारियों ने भी भ्रष्टाचार की इस गंगा में अपने हाथ धोए। भ्रष्टाचार का यह खेल सत्ता के संरक्षण के बिना कतई संभव नहीं है और यही वजह है कि अभी तक डिफॉल्टर ठेकेदारों और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कोई भी आपराधिक कार्यवाही अमल में नहीं लाई गई।
भाजपा नेता ने कहा कि सरकार अगर इस मामले में पाक साफ है तो जिम्मेदार अधिकारियों के साथ-2 डिफॉल्टर ठेकेदारों के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही भी शुरू करें और टोल टैक्स बैरियरों के लिए नई नीति बनाएं। स्पष्ट नीति के अभाव में प्रदेश को भारी आर्थिक हानि उठानी पड़ रही है जबकि इन टोल टैक्स बैरियरों से आसानी से 100 करोड़ रू0 से अधिक का राजस्व जुटाया जा सकता है।