शिमला: उद्योग विभाग के अधिकारियों को हिमाचल प्रदेश को देश का औद्योगिक हब बनाने के लिए राज्य सरकार की ‘निमंत्रण से उद्योग’ सुक्ति पर सक्रियता से कार्य करना चाहिए। यह आह्वान आज उद्योग मंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने उद्योग भवन में आयोजित उद्योग विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान किया।
अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश में उद्योगपतियों को निवेश के लिए प्रेरित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा मुम्बई, बैंगलुरु, अहमदाबाद व नई दिल्ली में उद्यमियों के साथ मीट्स व परिसंवाद किया गया। उन्होंने कहा कि इन बैठकों में प्रदेश को 6031.37 करोड़ रुपये के 117 नए प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 3300.16 करोड़ रुपये की 79 परियोजनाओं को राज्य स्तरीय एकल खिड़की स्वीकृति एवं अनुश्रवण प्राधिकरण द्वारा मंजूरी दी है जिनमें 9093 लोगों को रोजगार प्रदान करने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि विभाग के सभी अधिकारियों को उद्यमियों के साथ अधिकतम तालमेल सुनिश्चित बनाकर राज्य में निवेश के लिए प्रेरित करना चाहिए।
उद्योग मंत्री ने कहा कि प्रदेश में उद्यमियों को विश्व स्तरीय अधोसंरचना सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही है। राज्य में तीन स्टेट आफ आर्ट औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऊना जिले के पंडोगा व कांगड़ा जिला के कंदरौड़ी में क्रमशः 140 करोड़ व 122 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से औद्योगिक क्षेत्रों का निर्माण कार्य आरम्भ कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि सोलन जिला दबोटा, नालागढ़ में औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने के लिए भूमि चिन्हित कर ली गई है।
अग्निहोत्री ने कहा कि जो उद्यमी 100 हिमाचलियों को रोजगार उपलब्ध करवाएंगे, उन्हें सस्ती दरों पर जमीन उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि उद्योगपतियों को अनेक रियायतें व प्रोत्साहन उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने हिमाचल निवेश ब्यूरो स्थापित करना प्रस्तावित है, जो बहु विभागीय ब्यूरो होगा और इससे तीव्र व समयबद्ध स्वीकृति सुनिश्चित होगी। इस ब्यूरो में विभिन्न विभागों के अधिकारी आपसी तालमेल से कार्य करेंगे।
उन्होंने कहा कि नए उद्यमियों को प्रदेश में उद्योग लगाने के लिए केवल स्वयं स्थापित दस्तावेज आॅनलाईन या स्वयं जमा करवाने होंगे। उन्होंने कहा कि सभी विभागों को दस्तावेज जमा होने के 15 दिनों के भीतर अस्थाई पंजीकरण करने होंगे। उद्योग मंत्री ने कहा कि जिला उद्योग निगम (डीआईसी) के महाप्रबन्धकों को उद्यमियों के साथ नियमित बैठकें करनी चाहिए, क्योंकि उन पर प्रदेश में निवेश के लिए उद्यमियों को प्रोत्साहित करने की जिम्मेवारी है और उन्हें इस कार्य को लगन से करना चाहिए। उन्होंने खनन विभाग के अधिकारियों को पारदर्शिता सुनिश्चित बनाने के निर्देश दिए और कहा कि खनन स्थलों की नीलामी करते समय पारदर्शिता बरती जाए।
उन्होंने कहा कि विभाग की सभी क्रियाशील पदों को प्राथमिकता के आधार पर भरा जाएगा। उन्होंने कहा कि विभाग के भवन व लिफ्ट को जनरेटर उपलब्ध करवाया जाएगा। इस अवसर पर उद्योग विभाग के अराजपत्रित कर्मचारी संघ के प्रधान शांति स्वरूप शर्मा ने सम्मानित किया। उन्होंने इस अवसर पर मंत्री के समक्ष मांग पत्र प्रस्तुत किया।
प्रधान सचिव उद्योग आर.डी. धीमान ने विभाग द्वारा निवेश को आकर्षित करने के लिए उठाए गए विभिन्न पगों बारे जानकारी दी। उन्होंने कहा कि विभाग उद्योगपतियों के कल्याण व प्रदेश में तीव्र औद्योगिकरण के लिए केन्द्र प्रायोजित योजनाओं का कार्यान्वयन प्रभावी ढंग से सुनिश्चित बनाएगा। उद्योग विभाग के निदेशक अमित कश्यप ने बैठक की कार्यवाही का संचालन किया और धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। उद्योग विभाग के अतिरिक्त निदेशक अनुपम कश्यप, भंडारण नियंत्रक एस.सांजटा, वरिष्ठ उद्योग सलाहकार डा. राजेन्द्र चैहान, राज्य भू-विज्ञानी रजनीश शर्मा, विभाग के संयुक्त निदेशक, उप निदेशक, महाप्रबन्धक व अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।