कुफरी से महासू पीक तक व वापिस हॉर्सराईड की दर 500 रुपये प्रति घोड़ा निर्धारित

  • उपायुक्त शिमला ने की कुफरी स्थित घोड़ा व्यवसायिओं के साथ बैठक
  • घोड़ा व्यवसायिओं को अपने घोड़े पंजीकृत करवाने के लिए 15 दिन का समय, पहचान के लिए घोड़े पर टैग लगाने को भी कहा
  • घोड़ा व्यवसायिओं को पर्यटकों की सुविधा के साथ-साथ व्यवस्था को बनाए रखने के निर्देश
  • प्रशासन कुफरी क्षेत्र की वैबसाईट बनानेवाटर एटीएम स्थापित करने पर करेगा विचार

शिमला : उपायुक्त शिमला रोहन चंद ठाकुर ने कुफरी स्थित घोड़ा व्यवसायिओं के साथ आज यहां बैठक की। बैठक में घोड़ा व्यवसाय से जुड़े सभी आठ दलों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर घोड़ा व्यवसायिओं की विभिन्न मांगों, कुफरी में पर्यटन व्यवसाय से जुड़े विभिन्न पहलुओं और पर्यटन को प्रोत्साहन देने सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। रोहन चंद ठाकुर ने कहा कि जिला प्रशासन ने घोड़ा व्यवसायिओं की विभिन्न मांगों को सहानुभूतिपूर्वक विचार किया है, साथ ही उनकी जवाबदेही भी तय की गई है। घोड़ा व्यवसायिओं को पर्यटकों की सुविधा के साथ-साथ व्यवस्था को बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं। यदि वहां किसी भी तरह की अव्यवस्था की गई तो इसके लिए उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

उपायुक्त ने कहा कि कुफरी से महासू पीक तक व वापिस हॉर्सराईड की दर 500 रुपये प्रति घोड़ा निर्धारित की गई है। कुफरी में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रशासन द्वारा कई कदम उठाए जा रहे हैं। घोड़ा व्यवसायिओं को अपने घोड़े पंजीकृत करवाने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है और उन्हें पहचान के लिए घोड़े पर टैग लगाने को भी कहा गया है। उन्होंने कहा कि यदि पर्यटकों से निर्धारित दर से अधिक शुल्क वसूल किया गया और पर्यटकों से किसी तरह का बुरा बर्ताव किया गया तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

रोहन चंद ठाकुर ने कहा कि कुफरी क्षेत्र विश्व के पर्यटन मानचित्र पर है। इसलिए हम सभी का यह दायित्व है कि यहां भ्रमण पर आने वाले पर्यटकों का आदर सत्कार किया जाए और उनकी सुविधा का हर संभव ख्याल रखा जाए। यह प्रयास किया जा रहा है कि यहां और अधिक सुविधाएं चरणबद्ध तरीके से विकसित की जाएं। उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा कुफरी क्षेत्र की वैबसाईट बनाने, यहां वाटर एटीएम स्थापित करने पर भी विचार किया जा रहा है। इस अवसर पर उपमण्डलाधिकारी शिमला ग्रामीण ज्ञान सागर नेगी, नगर एवं ग्राम योजनाकार व सदस्य सचिव साडा राजेंद्र सिंह चौहान, घोड़ा व्यवसायिओं के प्रतिनिधि और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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