अगले वित्त वर्ष में 96,855 क्विंटल गेहूं बीज उत्पादित करने का लक्ष्य : डाॅ. नरेश कुमार

कृषि क्षेत्र में हिमाचल को मिला दूसरा राष्ट्रीय पुरस्कार

शिमला: कृषि क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश ने वर्ष 2015-16 के लिए लगातार दूसरा राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त किया है। हमीरपुर जिला को मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के कार्यान्वयन में उत्कृष्ट लोक प्रशासन में प्रधानमंत्री एक्सीलेंस पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है। भारत सरकार ने चार योजनाओं क्रमशः स्वच्छ भारत, ग्रामीण स्वच्छ विद्यालय, प्रधानमंत्री जनधन योजना और मृदा स्वास्थ्य कार्ड को प्राथमिकता कार्यक्रमों के अंतर्गत चिन्हित किया है।

पर्वतीय तथा उत्तर पूर्वी राज्यों में हमीरपुर जिला ने मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के कार्यान्वयन में प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया है। इस योजना में देश के केवल दो जिलों हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर और छत्तीसगढ़ के बलरामपुर को यह पुरस्कार प्रदान किया जा रहा है। यह पुरस्कार प्रधानमंत्री द्वारा ‘सिविल सेवाएं दिवस’ के अवसर पर राष्ट्र स्तरीय समारोह में 21 अप्रैल, 2016 को नई दिल्ली में प्रदान किया जाएगा। पुरस्कार हमीरपुर के उपायुक्त और कृषि उपनिदेशक प्राप्त करेंगे। इस पुरस्कार में 10 लाख रुपये की राशि प्रदान की जाएगी।

हिमाचल को हाल ही में श्रेणी-2 के राज्यों में वर्ष 2014-15 के लिए खाद्यान्न उत्पादन में वृद्धि के लिए राष्ट्र स्तर पर कृषि कर्मण पुरस्कारप्रदान किया गया था। एक करोड़ रुपये की नकद राशि का यह पुरस्कार प्रधानमंत्री ने नई दिल्ली में पूसा में एक राष्ट्र स्तरीय समारोह में 19 मार्च, 2016 को प्रदान किया था। यह पुरस्कार कृषि मंत्री श्री सुजान सिंह पठानिया, अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती उपमा चौधरी और कृषि निदेशक श्री एस आर कालिया ने प्राप्त किया था।

मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना प्रधानमंत्री ने 19 फरवरी, 2015 को देश के सभी किसानों को तीन वर्षों में मिट्टी के मानकों एवं विश्लेषण के उपरांत जारी करने के उद्देश्य से आरंभ की थी, ताकि उपजाऊ क्षमता में पोषक तत्व की कमी को पूरा किया जा सके। कार्यक्रम का उद्देश्य पौधों से पोषक तत्वों के संतुलित एवं समुचित उपयोग के माध्यम से समेकित पोषक प्रबंधन को बढ़ावा देना तथा रसायनिक खादों के उपयोग को कम करना था।

मृदा स्वास्थ्य के महत्व को देखते हुए राज्य कृषि विभाग ने प्रदेश में इस कार्यक्रम का प्रभावी तरीके से क्रियान्वयन किया। हिमाचल प्रदेश में तीन वर्षों के दौरान 69635 नमूने लेने का लक्ष्य था, जिसे राज्य ने योजना के पहले ही वर्ष में पूरा कर लिया। इन नमूनों का विश्लेषण साथ-साथ किया जा रहा है और प्रदेश में एक लाख 60 हजार मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किये जा चुके हैं। भारत सरकार ने कार्यक्रम के अंतर्गत बेहतर उपलब्धियां हासिल करने वाले प्रदेशों एवं जिलों को चयनित करने के लिए व्यापक प्रक्रिया आरंभ की है। राज्य सरकार ने उपलब्धियों के आधार पर हमीरपुर और बिलासपुर जिलों की संस्तुति की थी। भारत सरकार की टीमों के निरंतर दौरों तथा विस्तृत परस्पर संवाद के उपरांत योजना के अंतर्गत हमीरपुर जिले को पहले पुरस्कार के लिए चयनित किया गया। जिले ने कार्यक्रम के पहले ही वर्ष में 2015-16 के दौरान शत प्रतिशत लक्ष्य को हासिल कर लिया था। किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरण का कार्य 5 दिसम्बर, 2015 को अंतर्राष्ट्रीय मृदा दिवस के उपलक्ष्य में आरंभ किया था। जिले के सभी 76,140 किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड 30 जून, 2016 तक वितरित करना प्रस्तावित है।

योजना के बारे में जागरूकता लाने के लिए कृषि विभाग ने किसान शिविरों का आयोजन किया। राज्य में मिट्टी के नमूनों का विश्लेषण करने के लिए 11 प्रयोगशालाएं और सात मोबाईल परीक्षण वाहन हैं।

सम्बंधित समाचार

अपने सुझाव दें

Your email address will not be published. Required fields are marked *