21वीं सदी ज्ञान की सदी होगी जिसकी अगुवाई करेगा “भारत” : प्रधानमंत्री

21वीं सदी ज्ञान की सदी होगी जिसकी भारत अगुवाई करेगा: प्रधानमंत्री

21वीं सदी ज्ञान की सदी होगी जिसकी भारत अगुवाई करेगा: प्रधानमंत्री

कटरा (जम्मू कश्मीर) : नई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि 21वीं सदी ज्ञान की सदी होगी जिसकी भारत अगुवाई करेगा। उन्होंने कहा कि देश में 35 साल से कम उम्र के 80 करोड़ युवा हैं और हर युवा का सपना इस देश की प्रगति की कहानी बन सकता है।

यहां स्थित श्री माता वैष्णो देवी विश्वविद्यालय के पांचवे दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे मोदी ने कहा कि यह ज्ञान की सदी है और जब भी ज्ञान का दौर होता है, भारत रास्ता दिखाता है। मोदी ने कहा कि भारत 21वीं सदी का नेतृत्व करेगा क्योंकि 21वीं सदी ज्ञान की सदी है और इसके लिए उर्जा की जरूरत है और यह (ज्ञान) भारत के पास है। उन्होंने कहा कि भारत में 80 करोड़ युवाओं की उम्र 35 साल से कम है और हर युवा का सपना देश के विकास की कहानी बन सकता है। छात्रों से प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘आगे क्या’ का सवाल उनके मनोमस्तिष्क में रहेगा लेकिन जो व्यक्ति यह जानता है कि आगे क्या है, उसे दूसरों पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं होगी। दीक्षांत समारोह में जम्मू कश्मीर के राज्यपाल एन एन वोहरा, मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और कई केंद्रीय तथा राज्य मंत्रियों सहित अन्य गणमान्य हस्तियां मौजूद थीं। डिग्री प्राप्त करने वाले छात्रों को बधाई देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके जीवन में यह महत्वपूर्ण पल है जो 20 से 25 साल की कड़ी मेहनत और समर्पण के बाद आया है। उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि वह इसे ही अंत न समझें बल्कि आगे नयी चुनौतियों का सामना करने की शुरूआत मानें और आगे बढ़ने के लिए अपने कदम बढ़ाएं। उन्होंने कहा ‘‘यह तब ही संभव होगा जब आप यहां से संग्रहित किए गए ज्ञान के खजाने का उपयोग करेंगे।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि छात्रों को अपनी गलतियों से सबक लेने की जरूरत है क्योंकि उनसे सबक ले कर वह बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं। उन्होंने छात्रों को याद दिलाया कि इस मुकाम तक पहुंचने के लिए दूसरों ने उनकी मदद की है लेकिन अब उन्हें अपनी मदद खुद करनी होगी और अपने फैसले खुद ही लेने होंगे।

मोदी ने कहा ‘अगर आप शिक्षक बनते हैं और किसी छात्र के सवाल का जवाब नहीं दे पाते तो आप हंसी का पात्र बन जाते हैं।’ मंगल मिशन के बारे में उन्होंने कहा ‘हमारे पास सर्वश्रेष्ठ प्रतिभा है और पहले ही प्रयास में मंगल पर पहुंचने वाले हम पहला देश बन गए और वह भी बेहद कम खर्च पर।’ उन्होंने कहा ‘एक ऑटो से जाने पर एक किलोमीटर दूरी का किराया दस रूपये लगता है। लेकिन हमारे मंगल मिशन में यह लागत सात रूपये प्रति किलोमीटर है और हमारे मंगल मिशन की कुल लागत हॉलीवुड की फिल्मों पर खर्च की जाने वाली राशि से भी कम है।’

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