मैं क्रिकेट के विरूद्ध नहीं, लेकिन एचपीसीए लोकतान्त्रिक तरीके से चुनी हुई संस्था होनी चाहिए : मुख्यमंत्री

शिमला: मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने डा. राजेन्द्र प्रसाद राजकीय मेडिकल कालेज एवं अस्पताल टाण्डा में सराय भवन की आधारशिला रखने के उपरान्त एच.पी.सी.ए. को लेकर पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि वह क्रिकेट के विरूद्ध नहीं हैं, लेकिन एचपीसीए लोकतान्त्रिक तरीके से चुनी हुई संस्था होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को कोई आप्पति नहीं है यदि एचपीसीए अपने आप को सहकारिता अधिनियम के अन्तर्गत पंजीकृत करवाती है और इस बारे पहले भी कहा गया है, लेकिन कुछ राजनीतिज्ञों के मित्र व रिश्तेदार ही एचपीसीए के सदस्य हैं।

उन्होंने कहा कि बीसीसीआई के सचिव अनुराग ठाकुर, जो एचपीसीए के अध्यक्ष भी है, बिना तथ्य जाने सरकार की आलोचना में लगे रहते हैं। उन्हें जानकारी होनी चाहिए कि सर्वोच्च न्यायालय ने भी लोढ़ा समिति की रिपोर्ट में पाया है कि जो क्रिकेट संगठन मानदण्डों के अनुसार पंजीकृत नहीं है, वे इस प्रकार छल से संस्था को नहीं हथिया सकते। सर्वोच्च न्यायालय ने यह भी हिदायत दी है कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड तथा अपंजीकृत खेल निकायों को पैसा कमाने का कोई अपरिहार्य अधिकार नहीं है।

वीरभद्र सिंह ने कहा कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड के पुनर्गठन तथा इसे और पारदर्शी निकाय बनाने के सम्बन्ध में जस्टिस लोढा रिपोर्ट की संस्तुतियों से अनुराग ठाकुर को भी इस बारे स्पष्ट होना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोढा समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि किसी भी राजनेता का लड़का अथवा लड़की खेल निकाय का सदस्य नहीं होना चाहिए तथा खेल संघों की संस्था के चुनाव पारदर्शी एवं लोकतान्त्रिक तरीके से होने चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी खेल संगठनों में पारदर्शिता होनी चाहिए और यह कहना कि वीरभद्र सिंह क्रिकेट के विरोधी है, अनुराग ठाकुर की केवल धारणा मात्र है। सरकार ने कभी भी टी-20 मैच के लिये इन्कार नहीं किया क्योंकि इस विश्व कप के कुछ मैच धर्मशाला में खेले गए तथा अब आई.पी.एल. के मैच मई माह में खेले जाने हैं।

यूपीए की अध्यक्षा सोनिया गान्धी के हिमाचल प्रदेश के प्रवास के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी तक उनके कार्यालय में इस सम्बन्ध में किसी प्रकार का सूचना पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। हालांकि, उन्होंने स्वयं सोनिया गांधी को हिमाचल प्रदेश आने तथा किन्नौर में एक बड़ी जल विद्युत परियोजना के लोकार्पण के लिये आग्रह किया है, लेकिन इस सम्बन्ध में अभी तक सरकारी तौर पर कोई पुष्टि नहीं हुई है। परिसम्पतियों की जांच के सम्बन्ध में अपनी प्रतिक्रिया में वीरभद्र सिंह ने कहा कि यह सब कुछ राजनीति से प्रेरित है तथा विपक्ष उन्हें और उनके परिवार को बदनाम करने की साजिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि आयकर से सम्बन्धित मामले विभिन्न स्तर पर न्यायालयों में विचाराधीन हैं और इसके बावजूद प्रवर्तन निदेशालय, केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो तथा आयकर विभाग सभी इस मामले की जांच में लगे हैं और यह सब कुछ राजनैतिक प्रतिशोध के कारण किया जा रहा है।

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