शिमला: मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि वर्तमान स्कूलों को पर्याप्त अधोसंरचना सुविधाएं उपलब्ध करवाकर सुदृढ़ किया जाएगा। नए स्कूल केवल दूरदराज व जनजातीय क्षेत्रों तथा जहां अति-आवश्यक हो, वहीं खोले जाएंगे।
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह आज छोटा शिमला में 10.50 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला छोटा शिमला के नवनिर्मित अतिरिक्त खण्ड के लोकार्पण के उपरान्त सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नई पाठशालाओं को खोलने व स्तरोन्नत करने से पूर्व सर्वेक्षण करवाया जाएगा तथा सर्वोक्षण की रिपोर्ट के उपरान्त ही नए स्कूल खोले जाएंगे। नए स्कूल खोलते समय दूरी व विद्यार्थियों की संख्या को भी मद्देनजर रखा जाएगा।
वीरभद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश ने शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है और आज प्रदेश देश भर में साक्षरता दर में केरल के बाद दूसरे स्थान पर है। उन्होंने कहा कि अब वर्तमान स्कूलों को और अधिक अधोसंरचना उपलब्ध करवाने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वक्फ बोर्ड से भूमि संबंधी मामला उठाने के उपरान्त राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला, लक्कड़ बाजार का जीर्णोद्धार किया जाएगा। इसके लिए प्रदेश सरकार वक्फ बोर्ड से आग्रह करेगी ताकि स्कूल का जीर्णोद्धार कर आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा सके। उन्होंने कहा कि संजौली स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला का भी जीर्णोद्धार किया जाएगा, जिसके लिए पर्याप्त मात्रा में बजट का प्रावधान हैै, और नगर निगम शिमला से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्रदान करने का आग्रह किया गया है।
वीरभद्र सिंह ने पाठशाला में सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए अपनी एैच्छिक निधि से 35 हजार रुपये प्रदान करने की घोषणा की। इससे पूर्व, स्थानीय विधायक सुरेश भारद्धाज ने मुख्यमंत्री की प्रदेश में शिक्षा क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सराहना की। उन्होनें कहा कि प्रदेश में लम्बे समय कांग्रेस सरकार का शासन रहा है, ऐसे में शिक्षा का अधिकतर विस्तार मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में ही हुआ है। उन्होंने स्कूल प्रशासन को सुन्दर परिसर निर्माण के लिए बधाई दी तथा कहा कि यह प्रदेश का एक पुराना स्कूल है।
एचपीटीडीसी के उपाध्यक्ष हरिश जनारथा, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया, विधायक अनिरूद्ध सिंह, उपमहापौर टिकेन्द्र पंवर, पार्षद सुरेन्द्र चैहान व अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।