- एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, रमेश नारायण मिश्र तथा निदेशक (वित्त) ए.एस.बिन्द्रा ने प्राप्त किया अवार्ड
- वित्तीय वर्ष 2015-16 के दौरान एसजेवीएन ने लक्ष्य की तुलना में 9346 मिलियन यूनिट विद्युत का उत्पादन किया
- जल विद्युत एसजेवीएन की मूलभूत शक्ति का आधार
- कंपनी हिमाचल प्रदेश में भारत के सबसे बड़े 1500 मेगावाट के जलविद्युत स्टेशन का कर रही है शानदार निष्पादन
- निदेशक (कार्मिक) नन्द लाल शर्मा, निदेशक (विद्युत) आर.के.बंसल तथा निदेशक (सिविल) कंवर सिंह व एसजेवीएन के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी रहे उपस्थित
शिमला: भारत के राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने एसजेवीएन को संस्थागत श्रेणी (मिनी रत्न) के तहत गोल्ड ट्रॉफी तथा साईटेशन ऑफ स्कोप उत्कृष्टता अवार्ड से सम्मानित किया। ये अवार्ड सार्वजनिक क्षेत्र दिवस के अवसर पर विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में प्रदान किए गए। भारी उद्योग एवं सार्वजनिक उद्यम के केन्द्रीय मंत्री, अनंत जी.गीते ने समारोह की अध्यक्षता की, जबकि भारी उद्योग एवं सार्वजनिक उद्यम के केन्द्रीय राज्य मंत्री, जी.एम.सिद्धेश्वर सम्मानित अतिथि थे।
इन अवार्डों को एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, रमेश नारायण मिश्र तथा निदेशक (वित्त), ए.एस.बिन्द्रा ने प्राप्त किया। इस अवसर पर निदेशक (कार्मिक), नन्द लाल शर्मा, निदेशक (विद्युत), आर.के.बंसल तथा निदेशक (सिविल), कंवर सिंह एसजेवीएन के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों सहित उपस्थित थे। इस अवसर पर रमेश नारायण मिश्र ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2015-16 के दौरान एसजेवीएन ने अपने विद्युत स्टेशनों से 8520 मिलियन यूनिटों के विद्युत उत्पादन के एमओयू लक्ष्य की तुलना में 9346 मिलियन यूनिट विद्युत का उत्पादन किया है। सार्वजनिक क्षेत्र के एसजेवीएन लिमिटेड ने वर्ष 2015-16 के लिए अपने वित्तीय निष्पादन के परिप्रेक्ष में 63 पैसे प्रति शेयर की दर से 260.61 करोड़ रूपए का अंतरिम लाभांश अदा किया है। कंपनी में 64.5% की इक्विटी हिस्सेदार के रूप में भारत सरकार को उसके हिस्से के रूप में मार्च,2016 माह में विद्युत राज्य मंत्री, पीयूष गोयल को 168 करोड़ रुपए की राशि का चेक प्रदान किया गया था।
जल विद्युत एसजेवीएन की मूलभूत शक्ति का आधार है। कंपनी हिमाचल प्रदेश में भारत के सबसे बड़े 1500 मेगावाट के जलविद्युत स्टेशन का शानदार निष्पादन कर रही है। इसके अलावा कंपनी नेपाल, भूटान, अरूणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार तथा गुजरात में 12 अन्य जलविद्युत परियोजनाओं का निर्माण कर रही है। कंपनी की अन्य दो परियोजनाएं यानि हिमाचल प्रदेश में 412 मेगावाट की रामपुर जलविद्युत परियोजना तथा महाराष्ट्र में 47.6 मेगावाट की खिरवीरे पवन विद्युत परियोजना पहले से ही प्रचालनाधीन है। एसजेवीएन पहले ही पवन विद्युत, ताप विद्युत तथा विद्युत पारेषण में विविधीकरण कर चुका है तथा वर्तमान में 2000 मेगावाट बिजली का उत्पादन कर रहा है।
प्रत्येक वर्ष सार्वजनिक क्षेत्र दिवस को सार्वजनिक उद्यमों की स्थायी सभा (स्कोप) तथा सार्वजनिक उद्यम विभाग (डीपीई) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जाता है। सार्वजनिक क्षेत्र दिवस को भारत के आर्थिक और सामाजिक विकास में सार्वजनिक क्षेत्र के योगदान को दर्शाने के लिए आयोजित किया जाता है।