राजीव प्रताप रूडी ने भारत में की अंतर्राष्‍ट्रीय कौशल मानकों की शुरुआत

नई दिल्‍ली : सरकार की दो प्रमुख पहलों अर्थात् ‘मेक इन इंडिया’ और ‘स्किल इंडिया’ को आवश्‍यक समर्थन प्रदान करने और वैश्विक स्‍तर पर स्‍वीकार्य कौशल मानकों के अनुरूप बनाने के लिए कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) राजीव प्रताप रूडी ने आज यहां भारत में ‘अंतर्राष्‍ट्रीय कौशल मानकों’ की शुरुआत करने की घोषणा की। कौशल विकास से जुड़े ये मानक समस्‍त 82 चिन्हित रोजगारों के मामले में ब्रिटिश बेंचमार्क के अनुरूप हैं। भारत में ब्रिटेन के उच्‍चायुक्‍त सर डोमिनिक एसक्विथ केसीएमजी और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय में सचिव रोहित नंदन के साथ-साथ अनेक हितधारक भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

रूडी ने अपने उद्घाटन सम्‍बोधन में कहा कि कुशल श्रम बल की दक्षता में उच्‍च स्‍तर सुनिश्चित करने के लिए व्यावसायिक शिक्षा का मानकीकरण अत्‍यंत जरूरी है। उन्‍होंने कहा कि सरकार इन मानकों को बेंचमार्क के अनुरूप करने के लिए प्रयासरत है, ताकि भारतीय श्रम बल की अंतर्राष्‍ट्रीय गतिशीलता को आवश्‍यक समर्थन प्रदान करने के साथ-साथ उन्‍हें उन अंतर्राष्‍ट्रीय कंपनियों में कार्य करने के लायक बनाया जा सके, जिनका परिचालन हमारे देश में है। उन्‍होंने कहा कि उनके मंत्रालय ने भारतीय कौशल मानकों की बेंचमार्किंग के लिए ब्रिटिश मानकों का चयन इसलिए किया है क्‍योंकि खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) के सभी सदस्‍य देश ब्रिटेन के कौशल प्रमाण-पत्र को मान्‍यता प्रदान करते हैं।

भारत में ब्रिटेन के उच्‍चायुक्‍त सर डोमिनिक एसक्विथ केसीएमजी ने कहा कि भारत एवं ब्रिटेन लम्‍बे समय से कौशल विकास के क्षेत्र में सहयोग करते रहे हैं तथा यह व्‍यावसायिक शिक्षा के क्षेत्र में और ज्‍यादा गुणवत्ता लाने की दिशा में एक और प्रयास है। व्‍यावसायिक शिक्षा देश भर में युवाओं के लिए रोजगार के और ज्‍यादा अवसर सृजित करेगी। इस कार्यक्रम के दौरान एनएसडीसी एवं एसोसिएशन ऑफ कॉलेजेज (ब्रिटेन) और एनएसडीसी एवं ब्रिटेन के पुरस्‍कार प्रदाता संगठन सिटी एंड गिल्‍ड्स एंड पियरसंस एजुकेशन के बीच दो सहमति पत्रों (एमओयू) पर हस्‍ताक्षर किये गये। सर्वोत्तम तौर-तरीकों को साझा करने, कर्मचारियों के आदान-प्रदान और नये मॉडलों के विकास के लिए इन एमओयू पर हस्‍ताक्षर किये गये हैं, ताकि नियोक्‍ताओं का जुड़ाव बढ़ाने के साथ-साथ कौशल के क्षेत्र में निवेश बढ़ाया जा सके।

इस क्षेत्र में कुछ अन्‍य उभरती भागीदारियां ये हैं:

  • भारतीय श्रम बल की अंतर्राष्‍ट्रीय गतिशीलता को आवश्‍यक समर्थन प्रदान करना। 15 भारतीय क्षेत्र कौशल परिषदों (एसएससी) ने 82 रोजगारों के मानकों की 11 ब्रिटिश एसएससी के मानकों के साथ बेंचमार्किंग की है।
  • अंतर्राष्‍ट्रीय मानकों से यह पता चले सकेगा कि भारतीय मानकों और ब्रिटिश मानकों के बीच किस हद तक खाई है। इस खाई को पाटने के लिए विस्थापित करने के इच्छुक लोगों को ‘ब्रिज ट्रेनिंग’ दी जायेगी। ब्रिटेन का फर्दर एजुकेशन (एफई) कॉलेजेज ब्रिज पाठ्यक्रमों पर प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए भारत के प्रशिक्षण प्रदाताओं के साथ भागीदारी करेगा। एफई कॉलेजेज भारत के चिन्हित क्षेत्रों में उत्‍कृष्‍टता की कौशल अकादमियों की स्‍थापना करेगा।

इस परियोजना में भाग लेने वाली भारतीय क्षेत्र कौशल परिषदें ये हैं: ऑटोमोटिव, कृषि, जीवन विज्ञान, स्‍वास्‍थ्‍य रक्षा, पूंजीगत सामान, परिधान, कपड़ा, सौंदर्य एवं वेलनेस, दूरसंचार, आतिथ्य, आईटी एवं आईटी आधारित सेवाएं, निर्माण, खुदरा, इलेक्ट्रॉनिक और सुरक्षा।

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