शिमला: मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने आज यहां आयोजित हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के निदेशक मण्डल की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि निगम ने वर्ष 2015-16 के दौरान फरवरी, 2016 तक 383.04 लाख रुपये का सकल लाभ अर्जित किया है। निगम ने 201.15 लाख रुपये अवमूल्यन के उपरांत शुद्ध लाभ 181.89 लाख रुपये कमाया है। इसके अतिरिक्त, पिछले वर्ष निगम का परिचालन लाभ 224.59 लाख रुपये था तथा इस अवधि के 457.37 लाख रुपये के कुल घाटे को पूरा करने के उपरांत शुद्ध लाभ 19.72 लाख रुपये का है।
इस अवसर पर मुख्य संसदीय सचिव मनसा राम, हि.प्र.पर्यटन विकास निगम के उपाध्यक्ष हरीश जनारथा, मुख्य सचिव पी. मित्रा, अतिरिक्त मुख्य सचिव वी.सी. फारका व डॉ. श्रीकांत बाल्दी, पर्यटन विभाग के निदेशक मोहन चौहान, हि.प्र. पर्यटन विकास निगम निदेशक मण्डल के सदस्य सुरेन्द्र सेठी, वरिन्द्र धर्मांणी, गोपाल कृष्ण महंत, रूपेश कनवाल, विजय इन्द्र करन व अमरजीत सिंह भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने निगम को वर्ष 2015-16 के दौरान ई-शासन के लिए ‘राष्ट्रीय पुरस्कार’ तथा भारत सरकार द्वारा ऑन लाईन होटल आरक्षण प्रणाली और राज्य सरकार द्वारा सूचना संचार प्रौद्योगिकी के नवोन्मेष के लिए ‘स्वर्ण पुरस्कार’ से सम्मानित होने पर निगम की सराहना की है। यह पुरस्कार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस द्वारा नागपुर में आयोजित राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सम्मेलन के दौरान हि.प्र. पर्यटन विकास निगम और एनआईसी के संयुक्त दल को प्रदान किया गया था।
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को आज यहां निगम के समस्त गैर सरकारी तथा सरकारी सदस्यों ने पुरस्कार प्रमाण पत्र एवं ट्रॉफी भेंट की। इस दौरान हि.प्र. पर्यटन विकास निगम की 28,571 रुपये की पुरस्कार राशि के हिस्से को भी मुख्यमंत्री राहत कोष में अंशदान किया। इसके अतिरिक्त, बैठक में यह भी अवगत करवाया गया कि हिमाचल प्रदेश को होली-डे आईक्यू द्वारा ‘बैटर होलीडे अवार्ड-2016’ के लिए चयनित किया गया है। यह पुरस्कार मैकलोड़गंज के त्रियुंड को ‘श्रेष्ठ होली डे गंतव्य’ के लिए नई दिल्ली के ताज होटल में 30 मार्च, 2016 को प्रदान किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चम्बा जिले के भरमौर में होटल गौरी कुंड, कांगड़ा जिले के नुरपुर में होटल नूरपुर और काज़ा में चार कॉटेज की नई इकाइयों को क्रियाशील बनाया गया है। इसके अलावा, कसौली में 42 कमरों के होटल का निर्माण कार्य भी प्रगति पर है। बैठक में अवगत करवाया गया कि निगम ने परिसम्पत्तियों के जीर्णोद्वार पर 8.57 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। वर्ष 2016-17 के दौरान लगभग 15 परिसम्पत्तियां जीर्णाेद्वार के लिए प्रस्तावित हैैं और इस पर 3.50 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने हि.प्र. पर्यटन विकास निगम की इकाइयों में सेवा की गुणवत्ता में सुधार पर बल देते हुए कहा कि इनमें ढांचागत सुविधाओं को सुदृढ़ करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि निगम में रिक्त पदों को भरने के प्रयास किए जा रहे हैं तथा पदोन्नति से 211 रिक्त पदों को भरने के साथ-साथ 173 उपयोगिता कामगारों को प्रशिक्षुओं के तौर पर समाहित तथा उपयुक्त स्थानों पर नियमित किया गया है। उन्होंने कहा कि 37 कर्मचारियों को अनुबंध आधार पर रोजगार प्रदान किया गया है।