नई दिल्ली: केन्द्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने कपास पर व्हाइट फ्लाई के प्रतिकूल प्रभावों पर काबू पाने के लिए राज्यों के लिए विस्तृत निर्देश जारी किये हैं। कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने ये निर्देश पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में कपास की फसल को व्हाइट फ्लाई से नुकसान की आशंका के मद्देनजर जारी किये हैं। पिछले साल व्हाइट फ्लाई ने पंजाब और हरियाणा में कपास की फसल को भीषण क्षति पहुंचाई थी।
कपास की फसल पर व्हाइट फ्लाई के खतरे की आशंका को देखते हुए कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने विविध प्रकार के ऐहितियाती कदम उठाये हैं। पिछले साल हुई क्षति का व्यापक आकलन और विश्लेषण किया गया है। पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में कपास की बुवाई की प्रक्रिया अप्रैल के प्रारम्भ में शुरू होने वाली है। केंद्रीय कपास अनुसंधान क्षेत्रीय केंद्र, सिरसा (हरियाणा) ने हाल ही में एक बैठक की, जिसमें कृषि मंत्रालय के अधिकारियों, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के वैज्ञानिकों तथा पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया और व्हाइट फ्लाई के खतरे पर काबू पाने से संबंधित ऐहतियाती उपायों की समीक्षा की।
समीक्षा के पश्चात, भारत सरकार ने पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के राज्यों को विस्तृत निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों में कहा गया है कि बुवाई की प्रक्रिया निर्धारित समय-सीमा में शुरू की जा सकती है, सिर्फ सुझाये गये बीजों का ही इस्तेमाल किया जा सकता है, कीटों की हरकतों पर पैनी निगाह रखी जा सकती है और उन्हें फैलने से रोकने के लिए समय पर छिड़काव किया जा सकता है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने किसानों के लिए कीट प्रतिरोधी बीजों की सूची जारी की है। इस साल कपास की समय पर बुवाई करने पर बल दिया गया है।