हिमाचल : कांग्रेस ने सोलन नगर निगम चुनाव में प्रचार के लिए गठित की चार सदस्‍यीय कैंपेनिंग कमेटी

वीरभद्र सिंह इस बार भी बेदाग होंगे साबित : कांग्रेस

  • सभी पूर्व मंत्री और विभिन्न निगमों व बोर्डों के अध्यक्षों एवं उपाध्यक्षों ने कहा :  प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई पूरी तरह से अनुचित एवं जल्दबाजी में लिया गया निर्णय है जो जांच ऐजेन्सियों की कार्य प्रणाली में भाजपा की दखलअंदाजी को दर्शाता है
  • कहा, भाजपा बार-बार झूठे आरोप लगाकर तथा मनघडंत मामले बनाकर प्रदेश के सर्वाधिक लोकप्रिय नेता वीरभद्र सिंह को बना रही निशाना

शिमला : मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की परिसम्पतियों को जब मामले की पहले ही जांच चल रही है और मामला विभिन्न  न्यायालयों एवं अपीलीय प्राधिकरणों के समक्ष लम्बित है, ऐसे समय में जब्त करने की प्रवर्तन निदेशालय की कारवाई की कड़ी निंदा करते हुए  चन्द्र कुमार, गंगू राम मुसाफिर, राम लाल ठाकुर,  कुलदीप पठानिया, रंगीला राम राव, हर्ष महाजन और कुलदीप कुमार, सभी पूर्व मंत्री और विभिन्न निगमों व बोर्डों के अध्यक्षों एवं उपाध्यक्षों ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई पूरी तरह से अनुचित एवं जल्दबाजी में लिया गया निर्णय है जो जांच ऐजेन्सियों की कार्य प्रणाली में भाजपा की दखलअंदाजी को दर्शाता है।

उन्होंने कहा कि यह किसी से छिपा नहीं है कि जब से केन्द्र में भाजपा नेतृत्व की एनडीए सरकार बनी है, भाजपा नेताओं ने शीर्ष कांग्रेसी नेताओं के विरुद्ध मामले तैयार करने तथा कांग्रेस शासित राज्यों की सरकारों को अस्थिर करने का दुर्भावनापूर्ण अभियान चला रखा है। झूठे मुकद्दमें बनाना, एफ.आई.आर. दर्ज करना और केन्द्रीय ऐजेन्सियों का दुरुपयोग करके एवं इन पर दबाव डालकर अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदियों के विरुद्ध छापामारी करवाना भाजपा का राजनीतिक प्रतिशोध का बेहद घिनौना एवं खौफनाक चेहरा दर्शाता है तथा वीरभद्र सिंह, जो छठी बार मुख्यमंत्री बने हैं, वह उनके निशाने पर सबसे ऊपर है। इससे पूर्व, केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के आवास पर उनकी सुपुत्री के विवाह के दिन छापामारी की थी और अब प्रवर्तन निदेशालय ने नई दिल्ली में उनकी सम्पति को जब्त करने के लिये होली पर्व के दिन को चुना, जो ऐजेन्सी एवं इसकी निगरानी करने वालों की मानसिकता को दर्शाता है। यह बहुत की असाधारण एवं हास्यास्पद है कि वीरभद्र सिंह से जुड़े आयकर रिर्टन के केवल मात्र मामले में देश की तीन सबसे सर्वोच्च ऐजेन्सियां अर्थात आयकर विभाग, सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय एक साथ जांच कर रही हैं।

पूर्व मंत्रियों ने वीरभद्र सिंह के विरुद्ध टिप्पणियों तथा राज्य की बाकायदा निर्वाचित लोकप्रिय सरकार को गिराने के ओछे हथकण्डे अपनाने के लिये भाजपा नेताओं की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि भाजपा भ्रष्टाचार के मुद्दे पर पूरी तरह बेनकाब हो चुकी है और विभिन्न राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों में इसके वरिष्ठ नेता व्यापम, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, खनन घोटालों, चिक्की घोटाला, ललितगेट इत्यादि गम्भीर घोटालों में संलिप्त पाए गए हैं। यहां तक कि हिमाचल प्रदेश में भी भापजा के वरिष्ठ नेताओं के विरुद्ध भ्रष्टाचार के गंभीर मामले हैं और ऐसे में भाजपा को नैतिकता का प्रचार करने का कोई अधिकार नहीं है।

उन्होंने कहा कि भाजपा बार-बार झूठे आरोप लगाकर तथा मनघडंत मामले बनाकर प्रदेश के सर्वाधिक लोकप्रिय नेता वीरभद्र सिंह को निशाना बना रही है। इससे पूर्व भी, वीरभद्र सिंह के विरुद्ध झूठे एवं जाली मामले बनाए गए, लेकिन वह हर बार माननीय न्यायालयों से पाक साफ साबित हुए हैं। भाजपा सरकार ने झूठा मुकद्दमा बनाकर वीरभद्र सिंह को सागर कत्था मामले में फंसाने की कोशिश की थी जिसमें वह माननीय न्यायालय से बरी होकर निकले। भाजपा सरकार ने वीरभद्र सिंह के खिलाफ सीबीआई को 32 प्वांईट चार्जशीट बनाकर भेजी। सीबीआई ने इसमें वीरभद्र सिंह को क्लीन चिट दी। उस समय केन्द्र और राज्य दोनों जगह भाजपा की सरकार थी।

भाजपा सरकार ने फिर से तथाकथित झूठे सीडी मामले में वीरभद्र सिंह को फंसाने की कोशिश की जिसमें उन्होंने मुकद्दमे का सामना किया और माननीय विशेष अदालत ने उन्हें सम्मानपूर्वक बरी किया और माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने भी इस निर्णय को बरकरार रखा। अब, राज्य में भाजपा नेताओं ने केन्द्रीय नेतृत्व की सहायता से राजनीतिक द्वेष के चलते वीरभद्र सिंह के खिलाफ झूठा मुकद्दमा बनाया है। उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह इस बार भी इस मामले में माननीय न्यायालयों से बेदाग निकलेंगे।

 

 

 

 

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