रोहतांग में लागू प्रतिबंधों में छूट के लिए एनजीटी से मामला उठाएंगेः मुख्यमंत्री

शिमला: मनाली के टैक्सी आपरेटर संघों, ढाबा मालिकों, फड़ी वालों, घोड़ा मालिकों तथा ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के निर्णय से प्रभावित लोगों ने आज यहां मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से भेंट कर उनसे राहत प्रदान करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमण्डल को आश्वासन दिया कि प्रदेश सरकार इस मामले को लेकर गंभीर है और उनकी समस्याओं को एक बार फिर राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल के समक्ष उठाया जाएगा। सरकार एनजीटी को इस निर्णय को बदलने के लिए आग्रह करेगी और यह भी अनुरोध करेगी अव्यवहारिक पाबन्दियों में छूट प्रदान की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि रोहतांग दर्रें से भी आगे बहुत जनसंख्या निवा करती है तथा लेह को जोड़ने वाली सड़क के साथ-साथ एक अन्य मुख्य सड़क जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ को वाया पांगी जोड़ती है, जो सामरिक महत्व की भी है। उन्होंने आशा जताई कि एनजीटी हितधारकों की सिफारिशों पर गौर करेगी और अपने निर्णय पर नरम रुख अपनाएगी। रोहतांग दर्रे तक (सीएनजी) वाहन चलाने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि सीएनजी का मदर स्टेशन ऊना में स्थापित करने के लिए भूमि चिन्हित की जा चुकी है, जबकि मनाली के वशिष्ठ में डॉटर स्टेशन बनाया जाएगा। उन्होंने विश्वास जताया कि सीएनजी स्टेशन शीघ्र स्थापित हो जाएगा।

वीरभद्र सिंह ने कहा कि सरकार ने 1000 पेट्रोल वाहनों को रोहतांग दर्रें तक प्रातः एवं दोपहर के समय दो शिफ्टों में भेजे जाने की अनुमति प्रदान करने का मामला एनजीटी के समक्ष उठाया है। सीएनजी मामले पर टैक्सी आपरेटरों ने मुख्यमंत्री को अवगत करवाया कि वे अपने वाहनों को सीएनजी वाहनों में बदलने के लिए तैयार है, लेकिन अभी तक सीएनजी संयंत्र स्थापित नहीं हुआ है इसलिए संयंत्र स्थापित होने तक दो शिफ्टों में 1000 पेट्रोल वाहनों को रोहतांग तक जाने की अनुमति प्रदान की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने निर्णय लिया है कि एनजीटी के निर्णय से सभी लोगों को पुनर्वास किया जाएगा। मढ़ी में पर्यावरण मित्र बाजार व दुकानों का निर्माण किया जाएगा, जहां पर समुचित सीवरेज प्रणाली व पर्यावरण का विशेष ध्यान रखा जाएगा। बैठक में सर्वसम्मति बनी कि प्रभावित लोग अपनी समस्याओं के बारे में दो दिनों के भीतर एक प्रस्ताव सौंपेंगे ताकि एनजीटी की अगली सुनवाई में उनकी बात को प्रभावी तरीके से समक्ष प्रस्तुत किया जा सके।

मुख्यमंत्री ने रोहतांग तक एचआरटीसी के छोटे वाहन चलाने के प्रस्ताव पर असहमति व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार एनजीटी के निर्णयों से प्रभावित लोगों के राहत व पुनर्वास के प्रति अधिक चिंतित है। स्नो स्कूटर आपरेटरों ने सुझाव दिया कि कुल 80 में से 40 पेट्रोल स्कूटरों को रोहतांग तक चलाने की अनुमति प्रदान की जाए। प्रतिनिधिमण्डल का नेतृत्व ब्लॉक कांग्रेस समिति मनाली के अध्यक्ष भुवनेश्वर गौड़ ने किया। उन्होंने मुख्यमंत्री का उनकी समस्याओं को सुनने व शीघ्र निपटारा करने का आश्वासन देने के लिए आभार व्यक्त किया।

महाधिवक्ता श्रवण डोगरा ने भी प्रतिनिधिमण्डल को आश्वस्त किया कि प्रदेश सरकार एनजीटी के समक्ष उनका मामला गंभीरतापूर्वक उठा रही है।

 

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