राशनकार्डों के डिजिटाइजेशन करने में हिमाचल ने की पहलः बाली

शिमला: हिमाचल प्रदेश में उपभोक्ता राशनकार्डों के डिजिटाइजेशन करने में देश भर में पहल की है और अब तक 15.54 लाख ऐसे कार्ड बन चुके हैं। इससे सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्तर्गत राशन का वितरण करने में पारदर्शिता आई है और साथ ही जाली राशनकार्डों पर भी अंकुश लगा है।

खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री जी.एस. बाली ने आज नई दिल्ली के विज्ञान भवन में उपभोक्ता संरक्षण एवं जागरूकता विषय पर आयोजित राष्ट्र स्तरीय समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। केन्द्रीय उपभोक्ताएवं खाद्य व सार्वजनिक वितरण मामले मंत्री राम विलास पासवान ने इस समारोह की अध्यक्षता की।

हिमाचल प्रदेश में खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली और उपभोक्ता संरक्षण व जागरूकता के बारे में अपना पक्ष रखते हुए जी. एस. बाली ने कहा कि प्रदेश में ग्रामीण स्तर तक बड़े पैमाने पर उपभोक्ता जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है जिसके तहत गत वर्ष लगभग 140 उपभोक्ता जागरूकता संगोष्ठियां आयोजित की गईं। उन्होंने कहा कि राज्य स्तर पर उपभोक्ताओं की शिकायतों का निपटारा करने के लिए एक उपभोक्ता हेल्प लाइन नम्बर 1967 आरम्भ किया गया है, जिसका लोग भरपूर लाभ उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आगामी वित्त वर्ष में भी बड़े पैमाने पर उपभोक्ता जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे जिसके लिए 20 लाख रूपए खर्च करने का प्रावधान किया गया है।

बाली ने कहा कि प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत गरीबी रेखा से नीचे रह रहे सभी उपभोक्ताओं को तो सस्ता सामान प्रदान किया ही जा रहा है। इसके अतिरिक्त, सभी राशनकार्ड धारकों को भी उपदान दरों पर प्रतिमाह तीन दालें, खाद्य तेल व नमक उपलब्ध करवाया जा रहा है जो अपनी तरह का एक बड़ा प्रयास है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में खाद्य सुरक्षा अधिनियम को पहले ही लागू किया जा चुका है।

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री ने कहा कि प्रदेश में कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद गांव-गांव तक सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत उपभोक्ताओं को समय पर सस्ता राशन उपलब्ध करवाने के लिए एक बड़ा नेटवर्क कार्य कर रहा है जिसके तहत प्रदेश में 117 थोक गोदाम स्थापित किये गए हैं तथा लगभग 4866 उचित मूल्य की दुकानें हैं, जिन्हें सहकारी क्षेत्र व महिलाओं व युवाओं द्वारा संचालित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जमाखोरों व मुनाफाखोरों पर कड़ी नजर रखी जा रही है तथा समय-समय पर खाद्यान्नों की गुणवत्ता जानने के लिए आकस्मिक निरीक्षण किये जा रहे हैं।

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