जयराम सरकार के तीन साल कार्यक्रम में पढ़ा गया नड्डा का संदेश...

क्लीन स्ट्रीट फूड परियोजना शुरू

  • पीएमकेवीआई के पहले चरण के तहत पटरियों पर खाना बेचने वाले 20000 लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा

 

नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जे. पी. नड्डा ने क्लीन स्ट्रीट फूड अभियान शुरू किया। इस मौके पर उनके साथ केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता राज्य मंत्री राजीव प्रताप रूडी (स्वतंत्र प्रभार), भी मौजूद थे। फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) के इस अभियान का उद्देश्य दिल्ली की सड़कों पर बिकने वाले स्ट्रीट फूड के सुरक्षा मानकों में इजाफा करना है। इसके तहत पहले चरण में सड़क के किनारे फूड आइटम बेचने वालों 20000 लोगों को प्रशिक्षण देकर उन्हें स्वास्थ्य और स्वच्छता के महत्व से परिचय कराया जाएगा।

क्लीन स्ट्रीट फूड परियोजना के एक हिस्से के तौर पर एफएसएसएआई, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के साथ मिल कर दिल्ली में 40 से ज्यादा केंद्रों पर खाद्य आइटम बेचने वालों को प्रशिक्षण देगा। इन लोगों को रिकॉगिनशन ऑफ प्रियर लर्निंग यानी आरपीएल श्रेणी के तहत ट्रेनिंग दी जाएगी। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम सरकार के फ्लैगशिप कार्यक्रम प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीआई) के तहत चलाया जाएगा।

इस परियोजना को शुरू करते हुए स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने कहा कि यह कार्यक्रम प्रगतिशील, व्यावहारिक और रचनात्मक है। सकारात्मक नजरिये के साथ शुरू हुआ यह कार्यक्रम गैर संगठित क्षेत्र के लोगों को प्रशिक्षण देने का सबसे बड़ा कार्यक्रम होगा। देश में पटरियों पर सामान बेचने वाले 20 लाख लोग हैं। दिल्ली के एनसीआर क्षेत्र में 20000 विक्रेताओं को पायलट परियोजना के तहत प्रशिक्षण मुहैया कराना एक स्वागतयोग्य कदम है। नड्डा ने कहा कि स्ट्रीट फूड हमारे समाज का एक अभिन्न हिस्सा है। इस परियोजना से स्ट्रीट फूड विक्रेताओं के प्रशिक्षण में मदद मिलेगी और इससे बीमारियों की रोकथाम में भी सहूलियत होगी।

नड्डा ने इस विशिष्ट अभियान पर लोगों को बधाई देते हुए कहा कि यह वास्तव में उन मंत्रालयों के बीच गठबंधन का बेहतरीन उदाहरण है। यह सरकार के नियामक संगठन और वैसे कॉरपोरेट और एनजीओ के बीच गठबंधन का भी प्रतीक है, जो स्ट्रीट फूड बेचने वालों के कौशल में बढ़ोतरी करने के लिए एक साथ आए हैं। यह अभियान स्ट्रीट फूड बेचने वालों की मदद करेगा और इससे उनकी जीविका के विकल्प बढ़ेंगे। इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री ने इस दिशा में बनी रफ्तार को बरकार रखने की अपील की और इस प्रयास को सांस्थानिक रूप देने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इस अभियान को ऐसा रूप दिया जाना चाहिए जिससे यह लंबे वक्त तक चल सके।

इस मौके पर राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि – क्लीन स्ट्रीट फूड अभियान विकास की निचले पायदान पर रहने वाले लाखों लोगों को जिंदगी में बदलाव लाएगा और देश के आर्थिक विकास में मददगार साबित होगा। यह भारत की समृद्ध स्ट्रीट फूड परंपरा को नए सिरे तलाश करने में भी मदद करेगा। दिल्ली परियोजना से सीख लेकर एफएसएसएआई और स्किल इंडिया देश भर के राज्यों में ऐसी ही कार्यक्रम चलाएगा।

दिल्ली परियोजना के तहत स्ट्रीट फूड बेचने वाले 20000 विक्रेताओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। उनका आकलन किया जाएगा और उन्हें सात प्रशिक्षण सहभागियों की ओर से प्रमाणित किया जाएगा। अगले चार सप्ताह के दौरान 40 प्रशिक्षण केंद्रों पर यह प्रशिक्षण दिया जाएगा। दिल्ली खाद्य सुरक्षा आयुक्त और नेशनल एसोसिएशन ऑफ स्ट्रीट वेंडर्स ऑफ इंडिया (एनएएसवीआई) दिल्ली में स्ट्रीट फूड बेचने वाले विक्रेताओं को जागरुक करने के काम में लगे हैं। कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के तहत आने वाले राष्ट्रीय कौशल विकास निगम से संबंधित पर्यटन और सत्कार क्षेत्र कौशल निगम (टीएचएससी) के तहत स्ट्रीट फूड विक्रेताओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। ट्रेनिंग पूरी कर लेने पर स्ट्रीट फूड विक्रेताओं को कौशल-सह-निबंधन पत्र दिया जाएगा।

एफएसएसआई ने आज इस मौके पर एक मोबाइल एप भी लांच किया, जो लोगों को खाद्य इनफोर्समेंट मशीनरी से संपर्क बनाने में मदद करेगा ताकि वे खाद्य सुरक्षा के बारे में अपनी चिंता और सुझावों से अवगत करा सकें। इस मौके पर कौशल विकास और अद्यमिता मंत्रालय के सचिव श्री रोहित नंदन, एफएसएसएआई के अध्यक्ष आशीष बहुगुणा, एफएसएसएआई के सीईओ पवन अग्रवाल और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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