भारतीय अर्थव्यवस्था पर "काले धन" का प्रभाव

निवेशकों के लिए 1,20,000 करोड़ रुपए की दिखाई जाएंगी परियोजनाएं

नई दिल्ली: शिपिंग, सड़क परिवहन तथा राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि मुंबई में 14 से 16 अप्रैल 2016 को होने वाले भारत मेरीटाइम सम्मेलन, 2016 में बंदरगाह तथा शिपिंग क्षेत्र की 1,20,000 करोड़ रुपए की परियोजनाएं संभावित निवेशकों को दिखाई जाएंगी।

भारत मेरीटाइम सम्मेलन 2016 के मीडिया लॉंच के अवसर पर संवाददाताओं से बातचीत करते हुए गडकरी ने कहा कि सरकार का बल मेरीटाइम क्षेत्र में और अधिक रोजगार सृजन पर है। उन्होंने कहा कि एक करोड़ रोजगार- 40 लाख प्रत्यक्ष और 60 लाख अप्रत्यक्ष- की पहचान की गई है। यह रोजगार 27 बंदरगाह आधारित औद्योगिक क्लास्टरों, तटीय जहाजरानी तथा सागरमाला परियोजना के अंतर्गत अंतरदेशीय जलमार्ग आधारित क्षेत्रों में सृजित किए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग में सुधार के लिए निर्यात बढ़ाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि भारत में लॉजिस्टिक लागत लगभग 18 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि तटीय जहाजरानी तथा अंतरदेशीय जलमार्गों का विकास कर यातायात लागत कम की जा सकती है। इससे हमारी लॉजिस्टिक लागत घटेगी और हमारे उत्पादों की कीमत लागत प्रभावी होगी। गडकरी ने मेरीटाइम क्षेत्र के विकास के लिए सरकार द्वारा उठाए गए प्रमुख कदमों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वधावन, इनायम (कोलाछेल के निकट) तथा सागर में 20,157 करोड़ रुपए की लागत से नए बंदरगाह बनाए जाएंगे। इसके अतिरिक्त 2015-16 में प्रति वर्ष 116 मीट्रिक टन की क्षमता जोड़ने के लिए 12,696 करोड़ रुपए की 27 परियोजनाओं के ठेके दिए गए। इनमें जेएनपीटी सड़क संपर्क (2,787 करोड़ रुपए), पारादीप कोलबर्थ मशीनकरण (1633 करोड़ रुपए), मुंबई का पांचवा तेल बर्थ (811 करोड़ रुपए), कांडला कंटेनर टर्मिनल (263 करोड़ रुपए), कोलकाता एफएसआरयू (3500 करोड़ रुपए), इन्नोर केपिटल ड्रेजिंग (425 करोड़ रुपए), पारादीप एलपीजी टर्मिनल (690 करोड़ रुपए), न्यू मंगलोर मशीनीकरण (470 करोड़ रुपए), गोवा ड्रेजिंग (194 करोड़ रुपए) शामिल हैं।

गडकरी ने बताया कि 6879 करोड़ रुपए निवेश की 15 परियोजनाओं का ठेका 31 मार्च, 2016 से पहले दिए जाने हैं। इनमें गोवा लौह अयस्क बर्थ को मरमोगांव में बहुद्देशीय बर्थ में बदलना (1100 करोड़ रुपए), इन्नोर तेल टर्मिनल (700 करोड़ रुपए), इन्नोर केपिटल ड्रेजिंग (600 करोड़ रुपए), हल्दिया फ्लोटिंग पीओएल सुविधा (460 करोड़ रुपए) और मुंबई एफएसआरयू (2740 करोड़ रुपए) शामिल हैं। उन्होंने बताया कि 2015-16 में 70 मीट्रिक टन प्रति वर्ष क्षमता की 4351 करोड़ रुपए की 32 परियोजना पूरी की गई। 28,040 करोड़ रुपए की 46 परियोजनाएं लागू की जा रही है।

इस अवसर पर शिपिंग सचिव राजीव कुमार ने मुंबई में होने वाले सम्मेलन का ब्यौरा दिया। उन्होंने बताया कि इस सम्मेलन का उद्देश्य मेरीटाइम क्षेत्र को तेजी से बदलने के लिए निवेश आकर्षित करना है।

अधिक जानकारी के लिए कृपया www.maritimeinvest.in, https://twitter.com/MISummit, https://www.facebook.com/MaritimeIndiaSummit//?fref=ts देखे।

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