नई दिल्ली: सार्वभौम स्वर्ण बांड की तीसरी श्रृंखला 8 मार्च, 2016 (मंगलवार) से 14 मार्च, 2016 (सोमवार) तक खुली रहेगी। बांड 29 मार्च से जारी किए जाएंगे। आर्थिक मामलों के विभाग, वित्त मंत्रालय में सचिव शक्तिकांता दास ने 3 मार्च, 2016 को कई बैंकों के सीएमडी के साथ एक समीक्षा बैठक की और एसजीबी की तीसरी श्रृंखला के लिए उनकी तैयारियों पर चर्चा की।
जमाकर्ताओं के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए सरकार एआईआर और एफएम रेडियो, प्रकाशन मीडिया पर और मोबाइल एसएमएस के माध्यम से प्रचार अभियान जारी रखने जा रही है। वित्त मंत्रालय की वेबसाइट और टोल फ्री नंबर 18001800000 पर भी यह जानकारी उपलब्ध है। इससे पहले सरकार ने 5 नवंबर, 2015 को सार्वभौम स्वर्ण बांड योजना की शुरुआत की थी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य सोने की मांग में कमी लाना और हर साल आयात किए जाने वाले सोने के एक भाग को निवेश उद्देश्यों की ओर ले जाना है, जिसमें स्वर्ण बांड के माध्यम से वित्तीय बचत अहम है।
भारत सरकार की तरफ से आरबीआई द्वारा जारी किए गए सार्वभौम स्वर्ण बांड जारी किए जाते हैं, जिनके लिए रुपये में उचित कीमत का भुगतान करना होता है और इन पर ग्राम में सोने का वजन का उल्लेख होता है। बांड केवल भारत के निवासियों को दिए जाएंगे, जिनमें व्यंक्ति, हिन्दू संयुक्ते परिवार, न्यायस, विश्व्विद्यालय और धर्माथ संस्था न शामिल हैं। न्यूनतम 2 ग्राम सोने के लिए रुपये में भुगतान को स्वीकृति दी गई है। प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष (अप्रैल-मार्च) एक इकाई अधिकतम 500 ग्राम सोना खरीद सकेगी।
सरकार ने 2015-16 के लिए सालाना 2.75 प्रतिशत ब्याज दर तय कर दी है, जिसका भुगतान सालाना आधार पर किया जाएगा। बांड डीमैट और कागज प्रारूप दोनों में उपलब्ध हैं। बांड पर रेट को इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (आईबीजीए) द्वारा पिछले सप्ताह प्रकाशित 999 शुद्धता के सोने के बंद मूल्य के सामान्य औसत के आधार पर तय किया गया है। ये बांड बैंकों, डाकखानों और एसएचसीआईएल में उपलब्ध हैं। बांड की अवधि 8 साल तय की गई है, जिसमें 5 साल के बाद निकलने का विकल्प उपलब्ध है। सोने के लिए केवाईसी के नियम समान ही हैं। पूंजीगत लाभ कर से छूट भी उपलब्ध है। किसी व्यक्ति को एसजीबी के हस्तांतरण पर मिलने वाला दीर्घकालिक पूंजी लाभ भी सूचीकरण लाभ का हकदार है। परिपक्वता पर निवेशक को निवेश किए गए स्वर्ण की मात्रा के बराबर कीमत मिलेगी।