7 जून से धर्मशाला में बिखरेगा पहाड़ी संस्कृति का रंग

धर्मशाला भारत-पाकिस्तान टी-20 वर्ल्ड कप मैच बना वाद-विवाद का अखाड़ा

  • भारत-पाकिस्तान के मैच का यह समय सही नहीं : वीरभद्र सिंह

 

    भारत-पाकिस्तान मैच शुरू होने से पहले ही सियासी संकट के बादलों से घिरा

  • भारत-पाकिस्तान मैच शुरू होने से पहले ही सियासी संकट के बादलों से घिरा

भारत-पाकिस्तान मैच शुरू होने से पहले ही सियासी संकट के बादलों से घिरता नजर आ रहा है। प्रदेश में इस मैच को शहादत से जोड़कर देखा जा रहा है जिसके चलते हिमाचल के लोग पूरी तरह इस मैच के विरोध में उतर आए हैं। वहीं मैच होने के लिए पर्यटन को बढ़ावा और मैच का कुछ शुल्क शहीदों के परिवारों को देने जैसी दलीलें दी जा रही हैं। इस मैच के न होने से एचपीसीए अध्यक्ष एवं बीसीसीआई सचिव अनुराग, क्योंकि वे काफी समय से मैच को करवाने की कोशिश में लगे हैं। उनकी परेशानियां बढ़ती नजर आ रही हैं। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम धर्मशाला में 19 मार्च को भारत-पाकिस्तान के बीच होने वाले टी-20 वर्ल्ड कप मैच को लेकर कई तरह की चर्चाओं का प्रदेश में दौर जारी है। इसमें कौन सही कौन गलत है वास्तविक रूप से इसका फैसला कर पाना बहुत ही मुश्किल होता जा रहा है। प्रदेश में जहां कुछ बड़े नेता और लोग’ इस मैच के होने का समर्थन करते नजर आ रहे हैं वहीं कुछ बड़े दिग्गज और लोग इस मैच के खिलाफ खड़े हो गए हैं। अब जहां एक तरफ़ मैच का विरोध हो रहा है, वहीं पठानकोट और कश्मीर में हाल के आतंकी हमलों का हवाला देते हुए हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने गृहमंत्रालय से मैच हिमाचल से बाहर करवाने को कह दिया है और कहा है कि धर्मशाला में भारत-पाकिस्तान के मैच का यह सही समय नहीं है। उन्होंने इस मैच के लिए सुरक्षा मुहैया कराने में असमर्थता जताई है।

अब एक ओर जहां शहीदों के परिवारों की भावनाओं को रखने की बात की जा रही है तो वहीं दूसरी ओर मैच होने का समर्थन करते नेता और लोगों का कहना है कि हिमाचल में टी-20 वर्ल्ड कप मैच होने से हिमाचल में पर्यटन को जहां बढ़ावा मिलेगा तो वहीं भारत और पाकिस्तान के रिश्ते में भी कुछ सुधार हो सकता है। दूसरी बात यह भी कही जा रही है कि मैच शुल्क का कुछ हिस्सा शहीदों के परिवारों को दिया जाएगा। लेकिन मैच होने न होने को लेकर प्रदेश में कई सियासी रंग देखने को मिल रहे हैं।

  • फिर गर्माया मामला

पहले जहां मीडिया रिपोर्ट में पीसीबी चीफ शहयार ने आईसीसी से कहा था कि उनकी टीम के खेलने का फैसला पाकिस्तान सरकार करेगी। सरकार से सिक्योरिटी क्लीयरेंस मिलने के बाद ही पाकिस्तान के खेलने का फैसला होगा। यानि पाकिस्तान सरकार अगर खेलने की इजाजत नहीं देती तो 19 मार्च को धर्मशाला में भारत के साथ पाकिस्तान का मैच नहीं होगा। पहले पाकिस्तान की टीम को पाक सरकार की ओर से अनुमति नहीं मिलने के कारण इस पर संकट मंडरा रहा था, फिर अनुमति मिलने के बाद फैन्स ने राहत की सांस ली थी, लेकिन अब इस नई समस्या से यह मामला फिर गरमा गया है। बीसीसीआई इससे मुश्किल में घिर गया है और बोर्ड सचिव अनुराग ठाकुर ने कहा है कि राज्य को ‘राजनीति’ नहीं करनी चाहिए।

  • मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने गृह मंत्रालय को लिखा पत्र
  • हिमाचल प्रदेश सरकार ने मैच के लिए सुरक्षा मुहैया कराने में जताई अक्षमता
    मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने गृह मंत्रालय को लिखा पत्र

  • मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने गृह मंत्रालय को लिखा पत्र

हिमाचल प्रदेश कांग्रेस ने बीसीसीआई से भारत और पाकिस्तान के बीच धर्मशाला में 19 मार्च को होने वाले वर्ल्ड टी-20 चैंपियनशिप के मैच को रद्द करने या फिर किसी अन्य स्थान पर आयोजित करने के लिए कहा था। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने इस बारे में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को चिट्ठी भी लिखी है। वीरभद्र सिंह ने लिखा है कि हिमाचल प्रदेश के बहुत से जवान पाकिस्तान के खिलाफ लड़ रहे हैं और कई देश के लिए शहीद हुए हैं। वीरभद्र ने कहा कि हम अपने जवानों की शहादत का सम्मान करते हैं ऐसे में क्रिकेट मैच के पक्षधर नहीं हैं। इसलिए हिमाचल में पाकिस्तान के साथ कोई मैच नहीं कराया जाए। हिमाचल प्रदेश सरकार ने इस मैच के लिए सुरक्षा मुहैया कराने में अक्षमता जताई है।

  • खेल को खेल ही रहने दिया जाए’ : अनुराग ठाकुर
    'खेल को खेल ही रहने दिया जाए' : अनुराग ठाकुर

  • ‘खेल को खेल ही रहने दिया जाए’ : अनुराग ठाकुर

बीसीसीआई हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में प्रस्तावित भारत-पाकिस्तान मैच को लेकर असमंजस बना हुआ है। जहां एक ओर हिमाचल सरकार ने मैच के लिए सुरक्षा देने से इनकार कर दिया है। बीसीसीआई के सचिव अनुराग ठाकुर ने हिमाचल सरकार की दलीलों को खारिज करते हुए कहा ‘मैच के लिए स्टेडियम का सेलेक्शन एक साल पहले हुआ था। आखिरी समय में राज्य सरकार सुरक्षा देने में असमर्थता जता रही है जो कि गलत है। इस मामले में राजनीति नहीं होनी चाहिए।’ वहीं अब ऐसे वक्त पर सुरक्षा का मुद्दा उठाना सरासर गलत है। हिमाचल के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के पत्र के जवाब में बीसीसीआई के सचिव ने कहा कि जो लोग अभी मैच के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं वही कारगिल के बाद पाकिस्तानियों के साथ तस्वीरें खींच रहे थे। उन्होंने कहा, ‘खेल को खेल ही रहने दिया जाए।’ मुख्यमंत्री के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए हमीरपुर से बीजेपी सांसद और बीसीसीआई सचिव अनुराग ठाकुर ने कहा कि राज्य को महीनों पहले कार्यक्रम की जानकारी थी और उस समय उन्होंने ऐसी किसी चिंता के बारे में नहीं बताया। ठाकुर ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘वर्ल्ड कप मैचों के आयोजन स्थल का फैसला एक साल पहले किया गया था, मैचों का आवंटन छह महीने पहले किया गया। दुनियाभर के लोगों ने बुकिंग करा ली है और अंतिम समय में इस तरह का बयान देना उचित नहीं है।

  • क्रिकेट बोर्ड को हमारे शहीदों के परिवारों के लिए इज्जत है, तो उनकी मांग मान लेनी चाहिए : वीरभद्र सिंह

मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा है कि अगर क्रिकेट बोर्ड को हमारे शहीदों के परिवारों के लिए इज्जत है, तो उनकी मांग मान लेनी चाहिए। किसी और मैच पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन वह चाहते हैं कि पाकिस्तान के साथ मैच यहां नहीं होना चाहिए।

  • बड़ा ईवेंट है और सुरक्षा अहम, मिलकर सुलझाएं मामला : केंद्र

इस बीच केंद्रीय गृहमंत्रालय ने हिमाचल सरकार के रुख पर चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि यह बड़ा ईवेंट है और सुरक्षा अहम है। मंत्रालय ने यह भी कहा है कि राज्य और बीसीसीआई मिलकर मामले को सुलझाएं।

  • सांसद शांता कुमार का प्रधानमंत्री को पत्र भारत-पाक मैच हो रद्द
        सांसद शांता कुमार का प्रधानमंत्री को पत्र भारत-पाक मैच हो रद्द

  • सांसद शांता कुमार का प्रधानमंत्री को पत्र भारत-पाक मैच हो रद्द

इससे पहले धर्मशाला में प्रस्तावित भारत-पाकिस्तान टी-20 क्रिकेट मैच को रद्द किए जाने का मामला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक जा पहुंचा है। 19 मार्च को टी-20 विश्वकप के अंतर्गत धर्मशाला में प्रस्तावित इस मैच को रद्द किए जाने का आग्रह सांसद शांता कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से किया। इस संदर्भ में सांसद शांता कुमार ने प्रधानमंत्री को पत्र प्रेषित किया है।

शांता कुमार ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि हिमाचल के लोगों की ओर से विशेष कर सैनिक और शहीद परिवारों के सम्मान और गरिमा को ध्यान में रखते हुए इस मैच को तुरंत रद्द कर दिया जाए। प्रेषित पत्र में शांता कुमार ने कहा कि हिमाचल वीर सैनिक जवानों का घर है। हर परिवार से एक सैनिक या तो सेना में तैनात है या पूर्व सैनिक है। हाल ही में पठानकोट में हुए आतंकवादी आक्रमण में 2 सैनिक शहीद इसी क्षेत्र के हैं। धर्मशाला के क्रिकेट स्टेडियम से कुछ ही मीटर के फासले पर एक भव्य शहीद स्मारक बना है।

पिछले दिनों शहीद परिवार व अन्य लोग इकट्ठे हुए और उन्होंने कहा कि शहीद स्मारक के पास पाकिस्तान के खिलाड़ी आएंगे और पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाएंगे और पाकिस्तान का झंडा फहराएंगे। इस स्थिति को स्वीकार करना हिमाचल के सैनिक परिवारों के लिए बड़ा कठिन है। शांता कुमार ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में यह विरोध बढ़ता जा रहा है। पूर्व सैनिकों के संगठन भी सामने आ गए हैं। कांगड़ा पूर्व सैनिक संगठन ने तो घोषणा कर दी है कि पाकिस्तान के खिलाडिय़ों को कांगड़ा की धरती पर पैर नहीं रखने देंगे।

ऐसे में मैच का होने न होने पर अभी भी असमंजस बरकरार है। मैच को लेकर प्रदेश में जहां चर्चाओं का दौर जारी है तो वहीं सियासी माहौल भी काफी गर्माया हुआ है। खैर जो भी हो यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा कि सियासी संकट के बादलों से घिरा यह मैच अपने किस अंजाम तक पहुंचता है। लेकिन अभी तो धर्मशाला में होने वाला भारत-पाकिस्तान मैच वाद-विवाद का अखाड़ा बनता नजर आ रहा है।

 

 

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