बद्दी में 102.32 करोड़ रुपये के प्रौद्योगिकी विकास केन्द्र का शिलान्यास, प्रौद्योगिक केन्द्र/टूल रूम वीरभद्र सिंह का ड्रीम प्रोजेक्ट : कलराज मिश्र

  • टूल रूम युवाओं को प्रदान करेगा गुणात्मक प्रशिक्षण और यह पर्यावरण मित्र भी होगा

 

शिमला : केन्द्रीय मध्यम, लघु एवं सूक्ष्म उद्यम मंत्री कलराज मिश्र ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के साथ सोलन जिला के बद्दी में 102.32 करोड़ रुपये के केन्द्रीय मध्यम, लघु एवं सूक्ष्म उद्यम टूल रूम/प्रौद्योगिकी विकास केन्द्र (टीडीसी) का शिलान्यास किया। यह टूल रूम भारत सरकार के प्रौद्योगिकी केन्द्र प्रणाली कार्यक्रम के अन्तर्गत स्थापित किया जाएगा।

मिश्र ने इस अवसर पर प्रौद्योगिकी क्षेत्र में आ रहे बदलाव के मद्देनजर इन केन्द्रों की आवश्यकता पर बल दिया तथा कहा कि विश्व बैंक ने भारत में 15 स्थानों पर इस तरह के प्रौद्योगिकी केन्द्रों को स्थापित करने के लिए 2200 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। इसके लिए, अब तक 10 विभिन्न स्थानों का चयन किया गया है। उन्होंने हिमाचल सरकार द्वारा केन्द्र के लिए 20 एकड़ भूमि निःशुल्क उपलब्ध करवाने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह प्रौद्योगिक केन्द्र/टूल रूम वीरभद्र सिंह का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इस तरह के प्रौद्योगिकी केन्द्र जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, उत्तराखंड व अन्य स्थानों पर भी बनाए जाएंगे, जहां एक लाख युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। यहां से प्रशिक्षित युवा अपनी औद्योगिक इकाइयां स्थापित कर सकेंगे और बड़े उद्योगों में रोजगार भी प्राप्त कर सकेंगे।

उन्होंने कहा कि यह टूल रूम युवाओं को गुणात्मक प्रशिक्षण प्रदान करेगा और यह पर्यावरण मित्र भी होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री स्वदेशी उत्पादों पर बल दे रहे हैं तथा कौशल भारत के लक्ष्य को हासिल कर भारत को उत्पादक देश बनाने के लिए प्रयासरत हैं। इसके परिणामस्वरूप, देश के उत्पाद विश्व स्तर पर ‘मेक इन इंडिया’ के नाम से बिक सकें। उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय हिमाचल के ग्रामीण क्षेत्रों में औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने के लिए हर संभव सहायता उपलब्ध करवाएगा, जिससे यह राज्य मध्यम, लघु एवं सूक्ष्म इकाइयों का केंद्र बन सके।

मिश्र ने कहा कि यह टूल रूम भारत सरकार के प्रौद्योगिकी केन्द्र प्रणाली कार्यक्रम के अन्तर्गत स्थापित किया जाएगा, जिसका मुख्य उद्देश्य तकनीकी व कौशल श्रमशक्ति तैयार कर उद्योगों को सहायता करना और विकास एवं अभियांत्रिकी समाधान विकसित करना है। उन्होंने मध्यम, लघु एवं सूक्ष्म उद्यम मंत्रालय की विभिन्न केन्द्रीय योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मंत्रालय ग्रामीण स्वरोजगार संस्थानों को सुदृढ़ करने का भी कार्य कर रही है तथा ऑनलाइन पंजीकरण के लिए भारत सरकार ने एक पेज का प्रावधान किया है, जिसे भरने के बाद उद्यमियों को सुविधा उपलब्ध होगी। केन्द्रीय मंत्री ने भारत सरकार के बहुद्देशीय विकास प्रशिक्षण केन्द्र को कनेड से मण्डी जिला के सुन्दरनगर बदलने की भी घोषणा की।

  •              मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट शीघ्र होगा क्रियाशील

मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने केन्द्रीय मंत्री का स्वागत किया तथा कहा कि इस केंद्र में परामर्श एवं सुझाव सेवाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। इसके अतिरिक्त, इस टूल रूम से गुणात्मक प्रणाली व उत्पादकता में सुधार के अभियांत्रिकी समाधान उपलब्ध होने के साथ-साथ प्रशिक्षित एवं अप्रतिशिक्षत श्रमशक्ति को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।

वीरभद्र सिंह ने कहा कि अप्रैल, 2012 में, जब वह केन्द्रीय मध्यम, लघु एवं सूक्ष्म उद्यम मंत्री थे तो बद्दी के लिए मिनी टूल रूम केन्द्र स्वीकृत किया था। इसके लिए 15 हजार वर्गमीटर भूमि उपलब्ध करवाई गई थी, परन्तु पर्याप्त भूमि उपलब्ध न होने के बावजूद उन्होंने इसकी आधारशिला रखी थी। यहां पर बड़े टूल रूम स्थापित करने की आवश्यकता थी, जिसके लिए 20 एकड़ भूमि की आवश्यकता है। प्रदेश सरकार ने भूमि को चिन्हित कर बद्दी में जमीन प्रदान की और आज केन्द्रीय मध्यम, लघु एवं सूक्ष्म उद्यम मंत्री कलराज मिश्र ने आधुनिक प्रौद्योगिकी केन्द्र की आधारशिला रखी, जो मध्यम, लघु एवं सूक्ष्म उद्यम के माध्यम से उद्योगपतियों को उत्पादन प्रशिक्षण परामर्श सहयोग करेगा और यह केन्द्र प्रशिक्षित व अप्रतिशिक्षित युवाओं के लिए इंजीनियरिंग संस्थान से कम नहीं है।

मुख्यमंत्री ने कलराज मिश्र का आभार प्रकट करते हुए कहा कि यह परियोजना जब वह मध्यम, लघु एवं सूक्ष्म उद्यम केन्द्रीय मंत्री थे, के समय उनकी एक संकल्पना थी और उन्होंने विश्वास जताया कि जब यह तकनीकी केन्द्र का कार्य पूरा होगा, से प्रदेश के प्रशिक्षित युवाओं को दक्षता बढ़ेगी और वे डिजाइनिंग कोर्स में उन्हें रोजगार उपलब्ध होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 40 प्रतिशत निर्यात सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों द्वारा किया जाता है तथा आर्थिकी के सुदृढ़ीकरण में इन उद्योगों का बड़ा योगदान है।

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में आज 18,000 करोड़ से अधिक निवेश वाले 500 से अधिक मध्यम एवं बड़े स्तर जबकि 40 हजार लघु स्तर के उद्योग कार्यरत हैं। वीरभद्र सिंह ने कहा कि एमएसएमई मंत्रालय का आज समस्त औद्योगिक उद्यमों में 95 प्रतिशत योगदान है जबकि औद्योगिक क्षमता 40 प्रतिशत है। इसी कारण इस क्षेत्र को भारतीय आर्थिकी का ईंजन कहा जाता है तथा उद्योगों में सर्वाधिक रोजगार प्रदाता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रौद्योगिकी केन्द्र में विभिन्न पाठ्यक्रमों जिनमें टूल निर्माण में ऑटोमेशन की प्रक्रिया, मैटल कटिंग, मुरम्मत, आधुनिक वैल्डिंग, सूचना प्रौद्योगिकी, परीक्षण कौशल, औद्योगिक ऑटोमेशन शामिल हैं, में व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिये ढांचागत सुविधाएं उपलब्ध होंगी। मुख्यमंत्री ने बहुमूल्य परियोजना के लोकार्पण के लिये केन्द्रीय मंत्री का आभार प्रकट किया।

मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री से आद्यौगिक पैकेज, जो वर्ष 2013 में समाप्त हो चुका है, को बहाल करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय प्रोत्साहन पैकेज की अवधि बढ़ाने का मामला अनेक बार भारत सरकार से उठाया है और उम्मीद है कि केन्द्रीय मंत्री इसका समर्थन करेंगे।

वीरभद्र सिंह ने कहा कि वह राज्य के औद्योगिक विकास को तेजी देना चाहते हैं ताकि वर्ष 2022 तक औद्योगिक क्षेत्र सकल घरेलू उत्पाद का 25 प्रतिशत योगदान दे सके। अवसर पर उद्योग मंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने मुख्यमंत्री का उनके ‘ड्रीम प्रोजेक्ट’ के आरम्भ होने पर उन्हें बधाई दी, जिसे मुख्यमंत्री शुरू करने के लिये हमेशा ही उत्सुक रहे हैं। उन्होंने कहा कि ‘टूल रूम’ जिसे प्रौद्योगिकी केन्द्र का नाम दिया गया है, शीघ्र की क्रियाशील होगा जिसपर 170 करोड़ की अतिरिक्त राशि खर्च होगी। उन्होंने कहा कि परियोजना के समयबद्ध निर्माण के लिये नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी।

उन्होंने कहा कि राज्य में 90 प्रतिशत उद्योग लघु, व मध्यम हैं तथा बद्दी-बरोटीवाला एक ऐसा क्षेत्र है जहां ये उद्योग सफलतापूर्वक कार्य कर रहे हैं। अग्निहोत्री ने राज्य के औद्योगिक पैकेज को पुनःबहाल करने का मामला उठाया और कहा कि प्रदेश सकरार ने राज्य में बड़े औद्योगिक घरानों को आमंत्रित किया है। उन्होंने कहा कि राज्य में निवेश के उद्देश्य से आमंत्रण के लिये देश के विभिन्न स्थानों पर अनेक औद्योगिक मीटस् आयोजित की गई हैं।

उन्होंने मुख्यमंत्री से औद्योगिक क्षेत्र को समुचित धनराशि तथा उद्यमियों के लिये कुछ अतिरिक्त प्रोत्साहन प्रदान करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि हिमाचल में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं तथा इस क्षेत्र को विकसित करने की आवश्यकता है। उन्होंने पंडोगा तथा कन्दरोड़ी औद्योगिक क्षेत्रों के विकास के लिये पर्याप्त धनराशि प्रदान करने का आग्रह किया। अग्निहोत्री ने केन्द्रीय मंत्री से पर्वतीय राज्यों में लघु एवं मध्यम उद्योगों की स्थापना के लिये अलग से नीति बनाने का आग्रह किया। इससे पूर्व, उद्योग विभाग के प्रधान सचिव आर.डी. धीमान और निदेशक अमित कश्यप ने केन्द्रीय मंत्री तथा मुख्यमंत्री का स्वागत किया।

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