भारतीय अर्थव्यवस्था पर "काले धन" का प्रभाव

निवेशकों को धोखाधड़ी से बचाने बारे जागरुक करने की आवश्यकता : पी.सी.धीमान

  • वित्तीय संस्थानों की साईटों को हिमाचल की साईटों से सम्बद्ध करने पर बल

 

शिमला: हिमाचल प्रदेश की गैर बैंकिंग वित्तीय कम्पनियों की चैथी राज्य स्तरीय समन्वय समिति की बैठक आज यहां अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) पी.सी. धीमान की अध्यक्षता में आयोजित की गई।

धीमान ने प्रबन्ध-कर्ताओं को सामूहिक तौर पर उनके अधिकार क्षेत्र में किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी पर नजर रखने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि धोखाधड़ी से सम्बन्धित सूचना का प्रसार आम लोगों तक किया जाना चाहिए ताकि वित्तीय धांधलियों का उन्हें पता लग सके और वे इस तरह की अनैतिक गतिविधियों में न फंसे। उन्होंने जानकारी दी कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने खाताधारकों के हितों के संरक्षण के लिए अधिनियम लागू किया है। अधिनियम के अन्तर्गत वित्तीय धांधलियों के मामलों को देख रहे न्यायाधीशों तथा अन्य विधिक अधिकारियों को विशेष शक्तियां प्रदान की हैं।

भारतीय रिजर्व बैंक की क्षेत्रीय निदेशक रश्मि फौजदार ने भारतीय रिजर्व बैंक, सेबी, आईआरडीएएआई इत्यादि की वैबसाइटों को हिमाचल प्रदेश सरकार की वैबसाइट से सम्बद्ध करने पर बल दिया ताकि एक जगह पर आम लोग समस्त वित्तीय नियामकों की साइटों को देख सकें। सेबी के प्रतिनिधि विजयन्त वर्मा ने कहा कि सेबी द्वारा संभावित जमाकर्ताओं को निवेश के खतरों एवं कम्पनियों के असामान्य प्रलोभन से बचने के बारे में नियमित तौर पर मीडिया अभियान चलाए जा रहे हैं।

बैठक में लोगों को वित्तीय धोखाधड़ी से बचने तथा उन्हें वित्तीय नियमन के बारे में और अधिक जानकारी प्रदान करने का निर्णय लिया गया ताकि आम लोग चिट फंड तथा अन्य जमाकर्ता कम्पनियों की धोखाधड़ी से बच सकें।

 

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