बड़सर विधानसभा क्षेत्र के लिए करोड़ों की सौगात

  • हिमाचल का अधिकांश विकास कांग्रेस शासनकाल में: मुख्यमंत्री

शिमला: मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि हमने हमेशा ही विधानसभा सत्रों के दौरान विपक्ष से सहयोग का आग्रह किया है ताकि विधानसभा सत्र के दौरान विकास एवं जन कल्याण नीतियों पर सकारात्मक चर्चा हो सके। प्रायः यह देखा गया है कि भाजपा विधायक सदन में महत्वपूर्ण मामलों पर चर्चा करने के बजाय विधानसभा के बाहर सरकार के विरूद्ध नारेबाजी करते हुए दिखाई देते हैं। भाजपा विधायक असामान्य व्यवहार करते हैं, जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि वे अपने नेता के नियंत्रण में नहीं है।

मुख्यमंत्री आज हमीरपुर जिले के बड़सर विधानसभा क्षेत्र के बिझड़ी में एक विशाल जनसभा को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पंचायती राज चुनावों में प्रदेश के लोगों ने कांग्रेस से सम्बद्ध उम्मीदवारों के पक्ष में जनादेश दिया है और यह बड़े गर्व की बात है कि इन चुनावों में महिलाएं पुरूषों से अधिक संख्या में चुनकर आई हैं। उन्होंने कहा कि राजनीति में प्रत्येक को विनम्र एवं शालीन होना चाहिए। कांग्रेस सरकार ने हिमाचल प्रदेश में अन्य दलों के विपरीत हमेशा ही शालीनतापूर्वक कार्य किया है। उन्होंने कहा कि यह संयोग ही है कि वह राजनीति में आए और तब से लेकर उनका एकमात्र उद्देश्य राज्य के लोगों की सेवा और उनका कल्याण सुनिश्चित करना है।

वीरभद्र सिंह ने कहा कि ऐसे राजनीतिज्ञ, जिन्हें अपने आप पर भरोसा नहीं है, लोगों को अपने राजनीतिक लाभ के लिए बांटने की कोशिश करते हैं। हमें ऐसे लोगों से सावधान रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो लोगों के मध्य धर्म निरपेक्षता के बंधन को तोड़ने का प्रयास करते हैं, वे देश के सच्चे नागरिक नहीं हो सकते। उन्होंने कहा कि राजनीति में धर्म को सम्मिलित नहीं किया जाना चाहिए तथा जो लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं, उन्हें धर्म निरपेक्षता को बनाये रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें ऐसे राजनीतिज्ञों के विद्वेषपूर्ण व्यवहार से सचेत रहना चाहिए, जो प्रेम एवं शांति को भंग करने का प्रयास करते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 1948 के दौरान राज्य के केवल आठ गांवों में बिजली थी और आज 100 प्रतिशत गांवों का विद्युतीकरण किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि हमने राज्य के लोगों को 100 प्रतिशत पेयजल सुविधा सुनिश्चित बनाई है। इसके अतिरिक्त, वर्ष 1948 में केवल 288 किलोमीटर सड़कें थी और आज राज्य में 35 हजार किलोमीटर लम्बी सड़कों का जाल है। यही नहीं, राज्य के बनने के दौरान यहां कुछ ही पाठशालाएं थीं और आज लगभग 15,534 पाठशालाएं तथा 94 डिग्री कॉलेज हैं। आज हमारी साक्षरता दर 82.80 प्रतिशत है, जो वर्ष 1948 में महज 7.1 प्रतिशत थीं।

वीरभद्र सिंह ने कहा कि आंकड़े बताते हैं कि राज्य में पूर्व एवं वर्तमान में किया गया विकास बार-बार सत्तासीन कांग्रेस की सरकारों द्वारा किया गया है। उन्होंने कहा कि ऊना जिले की 922 करोड़ रुपये की स्वां तटीकरण परियोजना तथा कांगड़ा जिले में 180 करोड़ रुपये की छोंछ खड्ड तटीकरण परियोजना और शिमला जिले में 191 करोड़ रुपये की लागत की पब्बर नदी तटीकरण परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह हमीरपुर को राज्य का शिक्षा हब देखना चाहते हैं और आज हमीरपुर में अनेक प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान हैं। उन्होंने कहा कि हमीरपुर में एक मेडिकल कॉलेज खोला जा रहा है, जिसके लिए 190 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसी प्रकार दो अन्य मेडिकल कॉलेज नाहन तथा चम्बा में खोले जा रहे हैं। भारतीय प्रबन्धन संस्थान सिरमौरे जिले के धौलाकुआं और बिलासपुर में एम्स की स्थापना की जा रही है।

वीरभद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार ने हाल ही में हुई मंत्रिमण्डल की बैठक में निर्णय लिया है कि जो हिमाचली युवा केन्द्रीय लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित प्रशासनिक सेवाएं परीक्षा की प्रारम्भिक परीाक्षा उर्त्तीण करते हैं, ऐसे अभ्यार्थियों को सरकार कोचिंग के लिए 30 हजार रुपये की राशि प्रदान करेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बेरोजगार युवाओं के कौशल उन्नयन के लिए 500 करोड़ रुपये की कौशल विकास भत्ता योजना कार्यान्वित की जा रही है। इस योजना के अन्तर्गत बेरोजगार युवाओं को प्रतिमाह एक हजार रुपये का भत्ता जबकि विशेष रूप से सक्षम युवाओं को 1500 रुपये भत्ता प्रदान किया जा रहा है। अभी तक इस योजना के अन्तर्गत 1,07,887 युवाओं को लाभान्वित किया जा चुका है। वीरभद्र सिंह ने 5.47 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले झिरलाडी से अघर वाया छेक, लोहदर, इना-का-देहरा, सौर, चकरोहा सड़क की आधारशिला रखी। उन्होंने 5.24 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले चकमोह के साथवीं वाया सकरी, समेला घरयाणी, महाराल, होलथ, जांगली 10 किलोमीटर लम्बी प्रस्तावित सड़क की आधारशिला भी रखी। उन्होंने 1.58 करोड़ रुपये की लागत से गवालड खड्ड पर निर्मित पुल तथा तज्जयार होते हुए बारा से चकमोह सड़क का लोकार्पण भी किया।

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