2030 तक देश को मलेरिया से मुक्त कराने का लक्ष्य : केंद्र सरकार

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने 2030 तक देश को मलेरिया से मुक्त कराने का लक्ष्य तय किया है। श्रीलंका और नेपाल जैसे कुछ पड़ोसी देशों में पिछले कुछ सालों में इस विषाणु जनित रोग से कोई मौत न होने की खबरें सामने आने के बाद सरकार ने आज यह लक्ष्य तय किया।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा, ‘हम 2030 तक मलेरिया उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं जिसमें बड़े पैमाने पर वित्तीय संसाधनों की जरूरत होगी। हम विकास साझेदारों और सिविल सोसाइटी के साथ मिलकर प्रभावी तौर पर काम करेंगे।यहां राष्ट्रीय मलेरिया उन्मूलन रूपरेखा (2016-2030) पेश करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि दक्षिण एशिया में मलेरिया के 70 फीसदी मामले और मलेरिया से होने वाली 69 फीसदी मौतें भारत में होती हैं।

नड्डा ने कहा, ‘रूपरेखा का उद्देश्य 2024 तक सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों में मलेरिया की घटनाओं में इतनी कमी लाना है कि हर साल प्रति 1,000 की आबादी पर मलेरिया का एक से भी कम मामला सामने आए। हम सभी राज्य सरकारों से कहेंगे कि वे अपने नीतिगत मामलों में मलेरिया उन्मूलन को शामिल करें। आंकड़ों का हवाला देते हुए नड्डा ने कहा कि देश की 80 फीसदी से ज्यादा आबादी आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर क्षेत्र सहित अन्य राज्यों के करीब 200 जिलों के ऐसे इलाकों में रहती है जहां मलेरिया की चपेट में आने का जोखिम बहुत ज्यादा रहता है।

नड्डा ने कहा, ‘अभी मलेरिया के 80 फीसदी मामले ऐसे 20 फीसदी लोगों के बीच है जो उच्च जोखिमकी श्रेणी में आते हैं। हालांकि, देश की करीब 82 फीसदी आबादी ऐसे इलाकों में रहती है जहां मलेरिया की चपेट में आने का जोखिम बहुत ज्यादा होता है।उन्होंने कहा कि मलेरिया उन्मूलन की रूपरेखा के तहत इस रोग से जुड़े मामलों के सामने आने के आधार पर देश को तीन श्रेणियों में बांटा गया है।

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