- प्रधानमंत्री करेंगे 13 फरवरी को कार्यक्रम का उद्घाटन
- भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) एलीफेंटा, अजंता और एलोरा तथा भाजा की गुफाओं जैसी विश्व विरासत स्मारकों को सजावटी रोशनी के माध्यम से करेगा प्रदर्शित
नई दिल्ली: संस्कृति मंत्रालय मुंबई में एमएमआरडीए ग्राउंड, बांद्रा-कुर्ला रोड़ पर 13 से 18 फरवरी, 2016 तक होने वाले ‘मेक इन इंडिया- (एमआईआई)’ सप्ताह में शामिल होने के लिए तैयार है। एमआईआई सप्ताह वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के औद्योगिक नीति और संवर्द्धन विभाग (डीआईपीपी) द्वारा नवाचार, डिजाइन और देश की सतत नई निर्माण क्रांति को प्रदर्शित करने के लिए आयोजित किया जा रहा है। यह विश्व में अपने तरह की सबसे बडी प्रदर्शनी होगी, जिसमें संस्कृति मंत्रालय सह-भागीदार है। देश की समृद्ध कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए संस्कृति मंत्रालय ने ‘मेक इन इंडिया’ सप्ताह के दौरान देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए दक्षिण केंद्रीय क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (एससीजेडसीसी), नागपुर को प्रमुख एजेंसी बनाया है।
इस कार्यक्रम का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 13 फरवरी, 2016 को करेंगे। देश की सॉफ्ट पावर प्रदर्शित करने के लिए संस्कृति मंत्रालय ने निम्नलिखित कार्यक्रमों को अंतिम रूप दिया है। यह कार्यक्रम भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई), संगीत नाटक अकादमी (एसएनए), राष्ट्रीय मॉडर्न आर्ट गैलरी (एनजीएमए), नेहरू विज्ञान केंद्र और देश के सभी सात क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्द्रों सहित संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करने वाले विभिन्न सांस्कृतिक संस्थानों द्वारा आयोजित किए जाएंगे।
एमएमआरडीए ग्राउंड, बांद्रा-कुर्ला रोड़, मुंबई में 15 से 18 फरवरी, 2016 तक एमएमआई सप्ताह के दौरान संस्कृति मंत्रालय द्वारा निम्नलिखित कार्यक्रम प्रदर्शित किए जाएंगे: सभी सात क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र देशभर से चयनित लोक कलाकारों के 21 समूहों को भेजेंगे, जो 6 दिन चलने वाले इस कार्यक्रम में अपनी प्रस्तुति देंगे।
पेश की जाने वाली कला विधाएं हैं :- बाजीगर (पंजाब से कलाबाज़), रऊफ नृत्य (जम्मू-कश्मीर), बीन जोगी (हरियाणा), मयूर नृत्य (उत्तर प्रदेश), कलरीपायट्टु (केरल का मार्शल आर्ट), तपेट्टा गुल्लु (आंध्र प्रदेश), पंचवाद्यम (केरल से पांच वाद्ययंत्रों का पारंपरिक वादक समूह), राठवा जनजातीय नृत्य (गुजरात), बहरूपिया (राजस्थान से नकल करने वाले कलाकार), मंगनियार ( राजस्थान के लोकगायक), चेराव (मिजोरम के ‘बांस नृत्य‘), थांग टा (मणिपुर की मार्शल आर्ट विधा), पुंग चोलोम (मणिपुर), सिंघी चाम (सिक्किम का ‘स्नो लायन डांस‘), मलखंब (महाराष्ट्र का लकड़ी के खड़े खंबे या रस्सी पर जिम्नास्टिक), बधाई नृत्य (बुंदेलखंड), पंथी नृत्य (छत्तीसगढ़), डोल्लू कुनिथा नृत्य (कर्नाटक), पंडवानी (छत्तीसगढ़), गोतीपुआ नृत्य (ओडिशा) और पुरुलिया छाऊ (पश्चिम बंगाल)।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) एलीफेंटा, अजंता और एलोरा तथा भाजा की गुफाओं जैसी विश्व विरासत स्मारकों को सजावटी रोशनी के माध्यम से प्रदर्शित करेगा। एएसआई द्वारा एमआईआई प्रतिनिधियों को इन स्मारकों की सैर भी कराई जाएगी। एएसआई ‘मौसम परियोजना’ पर एक कार्यशाला का आयोजन भी करेगा। संस्कृति मंत्रालय की इस परियोजना में देश के प्राचीन समुद्री मार्गों की पुन: स्थापना की परिकल्पना की गई है।
राष्ट्रीय मॉडर्न आर्ट गैलरी (एनजीएमए), मुंबई 13-18 फ़रवरी, 2016 के दौरान मुंबई की विभिन्न कला दीर्घाओं में प्रदर्शनियां आयोजित करेगी और क्यूरेटर वॉक करायेगी। क्यूरेटर वॉक श्री रंजीत हासकोटे और काइवन मेहता द्वारा आयोजित की जाएगी। संगीत नाटक अकादमी (एसएनए), नई दिल्ली एससीजेडसीसी के सहयोग से एमआईआई सप्ताह के दौरान एमएमआरडीए ग्राउंड, बीकेसी रोड, मुंबई के मंडप नंबर 27 में संगीत वाद्ययंत्र बनाने, अलग-अलग मुखौटे, सिर के सजावटी मुकुट, और आभूषण, पोर्ट्रेट रंगोली कला, बौद्ध रेत कला, प्राकृतिक पत्थर के रंग से कथकली मेकअप तथा ठठेरे से पारंपरिक बर्तन बनाने का प्रदर्शन किया जाएगा।
नेहरू विज्ञान केंद्र, मुंबई एमआईआई सप्ताह के दौरान नेहरू विज्ञान केंद्र, डॉ ई मॉसेस रोड़, वर्ली, मुंबई में दो अनोखी प्रदर्शनियां आयोजित करेगा, जिनके शीर्षक : क्रिकेट कनेक्ट और सिनेमा (बॉलीवुड) है। इस दौरान एससीजेडसीसी 100 से कलाकारों को प्रसिद्ध “काला घोड़ा” उत्सव में भी प्रदर्शन करने के लिए सुविधा प्रदान करेगा।