मुख्यमंत्री ने लाडा के तहत खर्च राशि का मांगा व्यौरा

शिमला: मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने आज यहां आयोजित गद्दी कल्याण बोर्ड की 16वीं राज्य स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए धर्मशाला के दाड़ी स्थित जनजातीय भवन, जिसका हाल ही में लोकार्पण किया गया था, की चारदीवारी के निर्माण तथा फर्नीचर के लिए 20 लाख रुपये की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने राज्य की जल विद्युत परियोजनाओं के आसपास के क्षेत्रों में स्थानीय क्षेत्र विकास प्राधिकरण (लाडा) के अन्तर्गत खर्च की गई धनराशि का विवरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने चम्बा जिले के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला गरोला में विज्ञान की कक्षाएं आरम्भ करने की घोषणा की और चम्बा के राजकीय माध्यमिक पाठशाला फगोट के स्तरोन्यन की रिपोर्ट भी मांगी। उन्होंने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला उतराला में विज्ञान की कक्षाएं आरम्भ करने के भी निर्देश दिए।

वीरभद्र सिंह ने कहा कि राज्य सरकार गद्दी समुदाय के लोगों को हस्तशिल्प एवं हथकरघा में प्रशिक्षण प्रदान करने पर 2.62 करोड़ रुपये खर्च कर रही है ताकि युवाओं का कौशल विकास हो और वे निजी व्यवसास को अपनाकर आजीविका अर्जित कर सके। उन्होंने कहा कि इन युवाओं को हर महीने 950 रुपये का वज़ीफा भी प्रदान किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने हड़सर में भेड़ धुलाई केन्द्र (शीप वाशिंग फार्म) के निर्माण के निर्देश दिए। उन्हें अवगत करवाया गया कि इसका मामला वन स्वीकृति के लिए भेजा गया है और शीघ्र ही इस केन्द्र का निर्माण किया जाएगा। इस अवसर पर पालमपुर के बंदला सूरड तथा उतराला में शीप वाशिंग फार्म की मुरम्मत के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध करवाने का निर्णय भी लिया गया। वीरभद्र सिंह ने कहा कि सरकार गैर जनजातीय क्षेत्रों, जहां गद्दी समुदायों की अधिकांश आबादी है, को विकसित करने के प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि इस समुदाय के 924 ऐसे गांव हैं, जो गैर जनजातीय क्षेत्रों के अन्तर्गत आते हैं। ऐसे 40 प्रतिशत से अधिक की आबादी वाले क्षेत्रों को विकसित करने तथा गैर जनजातीय गद्दियों को लाभान्वित करने के लिए सड़कों के निर्माण पर चार करोड़ रुपये, पेयजल एवं सिंचाई योजनाओं पर 75 लाख रुपये, कृषि एवं बागवानी पर 2.45 करोड़ रुपये, पशुपालन पर 85 लाख रुपये तथा सार्वजनिक भवनों के निर्माण पर 1.37 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने सर्दियों के दौरान जब गद्दी समुदाय के लोग अपनी भेंड़-बकरियों को निचले क्षेत्रों में ले जाते हैं, को संरक्षण प्रदान करने के निर्देश दिए। वीरभद्र सिंह ने ग्राम पंचायत दराटी में दाडी माता के लिए सम्पर्क सड़क के निर्माण के लिए 10 दिनों के भीतर संयुक्त निरीक्षण के निर्देश दिए। उन्होंने प्राक्कलन सहित धर्मशाला में भागसूनाग से चौहला तक बाईपास का सर्वेक्षण करने के भी निर्देश दिए। इस अवसर पर अलेनमाली-बाथड़ी-मलंुडा सड़क का प्राक्कलन प्रस्तुत करने को भी कहा गया। बैठक में बैजनाथ के समीप उतराला दर्रा में दूरवर्ती गांवों लोट व करोट के लिए सड़क का सर्वेक्षण करने का निर्णय भी लिया गया। मुख्यमंत्री ने पालमपुर तथा बंदला, कंदवाड़ी, राख, जिया, लदराला, धुनेट और घरोट इत्यादि गांवों के भेड़पालकों को तम्बू की सुविधा प्रदान करने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने ग्राम पंचायत गगवाल के इंदौरा वार्ड में जहां अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति के लोगों की 95 प्रतिशत से अधिक आबादी है, में हैंडपम्पों की स्थापना के निर्देश दिए। इस अवसर पर भरमौर में डिबड़ी से गोंथ गांव तक नई पाईप-लाइन बिछाने के लिए पांच लाख रुपये प्रदान करने का निर्णय लिया गया। कांगड़ा के शाहपुर की ग्राम पंचायत सिंहुआ में दो हैंडपम्पों की स्थापना का निर्णय भी लिया गया। वीरभद्र सिंह ने चम्बा जिले के सलूणी की ग्राम पंचायत ललोट-बरोटी में आयुर्वेदिक औषधालय खोलने तथा चम्बा जिले के पलयूड के नाग मंदिर में सामुदायिक सराय भवन के निर्माण का सर्वेक्षण करने के निर्देश दिए। उन्होंने गुलदी से थपनाली तक खच्चर मार्ग का निर्माण करने के भी निर्देश दिए।

बैठक में यह भी सूचित किया गया कि लोधवां होते हुए नूरपुर से इंदौरा के बीच हिमाचल पथ परिवहन निगम की बस सेवा आरम्भ कर दी गई है। यह भी सूचित किया गया कि कांगड़ा जिले में गद्दी समुदाय के 55 लाभार्थियों को आवास अनुदान प्रदान करने पर 38.75 लाख रुपये की राशि खर्च की गई है।

बूल फेडरेशन के अध्यक्ष रघुवीर सिंह ठाकुर ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया तथा गद्दी समुदाय के कल्याण के लिए कार्यान्वित की जा रही योजनाओं की जानकारी दी।

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