नई दिल्ली: भारत द्वारा अपने बिजली संबंधी बुनियादी ढांचे को चुस्त-दुरुस्त बनाने के लिए वर्ष 2030 तक 1000 अरब डॉलर (लगभग 65 लाख करोड़ रुपये) का निवेश किए जाने की संभावना है। दुनिया का सबसे बड़ा ऊर्जा उपभोक्ता देश भारत अपने नागरिकों को चौबीसों घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने का लक्ष्य लेकर चल रहा है। बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने यहां यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि देश का बिजली क्षेत्र महत्वपूर्ण मोड़ पर है और शुल्क दरों और ईंधन कीमतों के बारे में पारदर्शी नीतियों के साथ एकीकृत परिदृश्य विकसित करने पर ध्यान केंद्रित है ताकि देश में व्यापार सुगमता को बढावा दिया जा सके। यहां भारत-ऑस्ट्रेलिया ऊर्जा संवाद के अवसर पर उन्होंने कहा, ‘जबकि दुनिया में नरम आर्थिक माहौल है और लगभग न के बराबर वृद्धि है, भारत आशा की किरण बना हुआ है। हम इस छवि का इस्तेमाल करेंगे और इसे और मजबूत बनाते हुए ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों को अपने यहां निवेश के लिए आमंंत्रित करेंगे।’
उन्होंने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया को साथ मिलकर विभिन्न क्षेत्रों में निवेश करना चाहिए जिनमें ऊर्जा महत्वपूर्ण आयाम है। भारत बिजलीघरों के लिए LNG, कोयला खनन, स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकी, नवीकरणीय ऊर्जा, अनुसंधान और विकास के साथ साथ प्रमुख अनुसंधान संस्थानों के साथ गठजोड़ पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।