लोगों को लाभान्वित करने के लिए कार्यों को समयबद्ध पूरा करने के किए जाएंगे प्रयास : मुख्यमंत्री

  • मुख्यमंत्री केन्द्र से उठाएंगे स्वां तटीकरण के लिए धनराशि जारी करने का मामला
  • वन मण्डलाधिकारी को विकास परियोजनाओं के लिए एक हेक्टेयर वन भूमि के परिवर्तन की शक्तियां

  शिमला: मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि ऊना जिले में स्वां नदी तथा इसकी सहायक नदियों के तटीकरण के शेष कार्य के लिए धनराशि शीघ्र जारी के लिए वह व्यक्तिगत तौर पर प्रधानमंत्री और केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री से मामला उठाएंगे। उन्होंने कहा कि यद्यपि केन्द्रीय मंत्रालय ने इस परियोजना के लिए पहले ही बजट निर्धारित किया है, लेकिन इसे शीघ्र जारी करवाने के प्रयास किए जाएंगे, ताकि इस महत्वाकांक्षी परियोजना का कार्य समय पर पूरा हो सके। मुख्यमंत्री आज यहां राज्य सरकार के आगामी बजट के लिए विधायकों की प्राथमिकताओं के निर्धारण के लिए चम्बा, हमीरपुर और ऊना जिलों के विधायकों के साथ आयोजित बैठकों के समापन सत्र की अध्यक्षता कर रहे थे। वीरभद्र सिंह ने अपनी मांगे उठाने तथा सकारात्मक सुझाव देने के लिए, राज्य विधानसभा के सभी सदस्यों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इससे न केवल राज्य सरकार को उनकी प्राथमिकताओं को अंतिम रूप देने में मदद मिलेगी, बल्कि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र का तीव्र एवं समग्र विकास भी सुनिश्चित होगा। उन्होंने सदस्यों को आश्वासन दिया कि विभिन्न विकास कार्यों के लिए उनकी प्राथमिकताओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी तथा लोगों को लाभान्वित करने के लिए इन कार्यों हो समयबद्ध पूरा करने के प्रयास किए जाएंगे।

वन मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी, उद्योग मंत्री मुकेश अग्निहोत्री, हि.प्र. योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष जी.आर. मुसाफिर और मुख्य सचिव पी.मित्रा भी बैठक में उपस्थित थे।

मुख्य संसदीय सचिव आई.डी. लखनपाल, जो हमीरपुर जिला के बड़सर निर्वाचन सभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं, ने बिझड़ी तहसील कार्यालय और राजकीय वरिष्ठ पाठशालाओं टिप्पर, गरली व बैड़ के भवनों के निर्माण के लिए अतिरिक्त धनराशि उपलबध करवाने के साथ-साथ राजकीय महाविद्यालय बड़सर के भवन का निर्माण भी शीघ्र पूरा करने का आग्रह किया। उन्होंने सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य और लोक निर्माण विभाग में सहायक अभियन्ताओं एवं कनिष्ठ अभियन्ताओं के रिक्त पदों को भरने तथा कुछ स्थानीय बस रूटों को पुनः बहाल करने का आग्रह किया।

जिला चम्बा: बनीखेत की विधायक आशा कुमारी ने एनटीपीसी से सरप्लस सरकारी भूमि वापिस लेने की मांग उठाई ताकि इसका उपयोग आय सृजन की गतिविधियों में किया जा सके। उन्होंने गौ सदनों के निर्माण के लिए भूमि हस्तांतरण की नीति बनाने का भी आग्रह किया, क्योंकि जिले में समूची भूमि वन भूमि है।

उन्होंने ग्राम पंचायतों में डम्पिंग स्थलों के निर्धारण तथा सलूणी में पार्किंग का निर्माण करने की मांग उठाई। उन्होंने सलूणी में हैलिपैड के शेष कार्य के लिए शीघ्र धनराशि जारी करने तथा बनीखेत में पॉलिटेक्नीक भवन के शीघ्र निर्माण के अतिरिक्त, जिला अस्पताल चम्बा में 100 बिस्तरों के नए खण्ड के निर्माण को प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान करने का आग्रह किया। चुराह विधानसभा क्षेत्र के विधायक हंस राज ने सड़कों का विकास तथा बिजली के पुरानी तारों एवं खम्भों के बदलने की मांग की।

उन्होंने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तीसा में अधिक सुविधाएं प्रदान करने तथा विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती करने के साथ-साथ दूर-दराज क्षेत्रों के लोगों को लाभान्वित करने के लिए और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोलने का आग्रह किया। भटियात के विधायक विक्रम सिंह जरयाल ने सड़कों की विस्तृत परियोजना योजना शीघ्र स्वीकृति का आग्रह किया। उन्होंने उप-तहसील चुवाड़ी को तहसील स्तरोन्नत करने तथा हाल ही में मुख्यमंत्री द्वारा सिहुंन्ता के लिए की गई कॉलेज की घोषणा के अनुरूप इसके भवन का निर्माण शुरू करने का आग्रह किया। उन्होंने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र समोती को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तरोन्नत करने तथा विभिन्न विभागों में रिक्त पदों को भरने की मांग भी की।

जिला ऊना: चिंतपूर्णी के विधायक श्री राकेश कालिया ने मुख्यमंत्री से स्वां नदी तटीकरण का कार्य पुनः आरम्भ करने के लिए धनराशि जारी करने का मामला भारत सरकार से उठाने का आग्रह किया। उन्होंने नंगल-मुबारकपुर तथा ईसपुर-दौलतपुर सड़कों के विस्तार की मांग की। उन्होंने अपने निर्वाचन सभा क्षेत्र में ब्यास नदी की सहायक नदियों की तटीकरण के लिए वित्तीय सहायता के लिए मामला भारत सरकार से उठाने का आग्रह किया। कालिया ने किसानों को उनके खेतों की फैंसिंग के लिए अनुदान प्रदान करने का आग्रह किया ताकि जंगली जानवरों से फसलों के नुकसान को रोका जा सके।

जिला हमीरपुर: भोरंज विधानसभा क्षेत्र के विधायक आई.डी. धीमान ने सीर, चनथ और सुनेहल खड्डों के तटीकरण के कार्य में तेजी लाने की मांग की ताकि लोगों को बरसात के दौरान होने वाले नुकसान से बचाया जा सके। उन्होंने विधानसभा क्षेत्र में ग्रामीण सड़कों की उपयुक्त मुरम्मत एवं रख-रखाव की मांग की। उन्होंने बै-मौसमी सब्जी उत्पादन करने वाले किसानो को सिंचाई सुविधा प्रदान करने के लिए नालों पर छोटे चैक डैम निर्मित करने का आग्रह किया।

सुजानपुर विधासभा क्षेत्र के विधायक नरेन्द्र ठाकुर ने जंगली जानवरों से उत्पन्न समस्या से निपटने के लिए शीघ्र व प्रभावी कदम उठाने की मांग की ताकि फसलों को हो रही भारी क्षति से बचा जा सके। वन मण्डलाधिकारी को विकास परियोजनाओं के लिए एक हेक्टेयर वन भूमि के परिवर्तन की शक्तियां

मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने स्वास्थ्य विभाग से कहा कि राज्य की विशेष भौगोलिक परिस्थितियों के मद्देनजर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों की स्थापना के लिए आबादी के मानदंडों में छूट के बारे में विचार किया जाना चाहिए। वर्तमान में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की स्थापना के लिए 30 हजार और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के लिए 80 हजार से एक लाख की आबादी के मानदण्ड निश्चित हैं। मुख्यमंत्री ने किसानों को सिंचाई सुविधाएं प्रदान करने के लिए टयूबवैलों के निर्माण की योजना बनाने को भी कहा। मुख्यमंत्री आज यहां विधायक प्राथमिकता निर्धारण के दूसरे दिन प्रातःकाल सत्र में कांगड़ा, लाहौल व स्पीति और किन्नौर जिलों के विधायकों की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे

कुछ विधायकों द्वारा वन अधिकार अधिनियम के कारण उनके विकास कार्यों में आ रहे व्यवधान को लेकर उठाई गई आप्पतियों पर अपनी प्रतिक्रिया में मुख्यमंत्री ने कहा कि वन क्षेत्र में एक हेक्टेयर की सीमा तक 13 सूचीबद्ध विकास गतिविधियां कार्यान्वित की जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि एक हेक्टेयर तक वन भूमि को विकास परियोजनाओं के लिए परिवर्तित किया जा सकता है और इसके लिए सम्बन्धित वन अधिकारी को शक्तियां प्रदान की गई हैं। वीरभद्र सिंह ने झुन्गा-देवी से हारसीपतन पुल तक, सुलह में भवारना से झुन्गा-देवी और जयसिंहपुर के पैटर्न एवं विनिर्देशों पर सम्पर्क सड़क का निर्माण करने को कहा। उन्होंने लाहौल-स्पिति भवन को लाहौल स्पिति के उपायुक्त को सौंपने तथा बैजनाथ शिव मंदिर के समीप भूःस्खलन को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने सिंचाई एवं जन-स्वास्थ्य तथा लोक निर्माण विभाग को शीघ्र से विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए ताकि कार्य आरम्भ किए जा सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि वन संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत राज्य सरकार को भी क्षेत्र विशेष में विकासात्मक गतिविधियों के लिए एक हेक्टेयर भूमि को परिवर्तित करने की शक्तियां हैं।

वन अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत सम्बद्ध 13 विकास गतिविधियों में से कुछ स्कूल भवनों, सड़कों, सिंचाई नहरों, आंगनवाड़ियों और औषधालय अथवा अस्पताल, उचित मूल्य की दुकानों, वर्षा जल संग्रहण ढांचे, कौशल उन्नयन अथवा व्यावसायिक प्रशिक्षण केन्द्र, सामुदायिक केन्द्र, टैंक तथा अन्य छोटी वाटर बॉडीज का निर्माण शामिल है। पिछले कल आयोजित बैठक में कुछ विधायकों ने आपत्ति दर्ज की कि अधिकांश विकास कार्यों में वन स्वीकृतियों के कारण देरी हो रही है तथा समय के साथ परियोजना की लागत भी बढ़ रही है।

राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने बैठक में यह भी अवगत करवाया कि हिमाचल देश का पहला राज्य है जहां लोगों के सभी वन अधिकारों का निपटारा किया गया है। बैठक में विस्तारपूर्वक चर्चा की गई कि बड़ी पेयजल अथवा सिंचाई योजनाओं, जो पूरा होने में लम्बा समय लेती हैं, के बजाय छोटी बस्तियों अथवा गांवों के समूह बनाकर लोगों की पेयजल जरूरतों को पूरा करने के लिए हैंडपम्प उपलब्ध करवाए जा सकते हैं। कृषि विभाग के सभी 22 हैंडपम्पों को सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग के अन्तर्गत लाने पर भी चर्चा की गई ताकि इनका समुचित उपयोग किया जा सके। राज्य में सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग के लगभग 807 टयूबवैल हैं, जिनके संचालन के लिये तकनीकी रूप से सक्षम पर्याप्त मानव शक्ति को तैनात किया जा सकता है।

इंदौरा: विधायक मनोहर धीमान ने सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य, लोक निर्माण और विद्युत विभागों में फील्ड स्टाफ के पदों को भरने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने लाईन- मैन, वाटर गार्ड, तथा अन्य सम्बद्ध फील्ड स्टाफ के पदों को भरने के लिए सम्बन्धित विभागों को निर्देश दिए। धीमान ने कंदरौड़ी होते हुए डमटाल-इंदौरा सड़क के लिए अतिरिक्त धनराशि तथा इंदौरा-गंगथ-काठगढ़ सड़क की मुरम्मत का आग्रह किया, जिसके लिए मुख्यमंत्री ने इंदौरा में सड़कों, विशेषकर गंगथ होते हुए काठगढ़ की सड़क की मुरम्मत एवं रख-रखाव का कार्य पूरा करने के लिए सम्बन्धित विभाग को निर्देश दिए।

ज्वालाजी : विधायक संजय रतन ने चंगर क्षेत्र में और अधिक सड़कों एवं पुलों के निर्माण का आग्रह किया तथा चंगर क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए 50 करोड़ रुपये की धनराशि की मांग की। उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र के लिए और अधिक हैंडपम्प एवं सौर लाईटें लगाने का भी आग्रह किया। उन्होंने ज्वालाजी शहर में कम क्षमता वाली विद्युत तारों को बदल कर भूमिगत केबल लगाने, चंगर क्षेत्र के लिए बस सेवा, ज्वालाजी में पॉलीटेक्नीक कॉलेज और सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मण्डल स्थापित करने का आग्रह किया। उन्होंने देहरियां अथवा लागदु में 33 के.वी. विद्युत उपकेन्द्र की मांग भी की।

जयसिंहपुर : विधायक यादविन्द्र गोमा ने पंचरूखी, मझेड़ा व खैरा में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भवनों तथा कोसरी में आयुर्वेद अस्पताल के भवन के निर्माण के लिए अतिरिक्त धनराशि का आग्रह किया। उन्होंने भवारना में चिकित्सकों के पद भरने की मांग भी की। उन्होंने लहारू-कुन्न-बालकरूपी ग्राम पंचायतों के अन्तर्गत छह गांवों, जो एक दूसरे से जुड़ें हैं, के लिए बालकरूपी सड़क और पैदल पुल की मुरम्मत एवं इसे पक्का करने का भी आग्रह किया।

सुलह: मुख्य संसदीय सचिव जगजीवन पाल ने लोक निर्माण विभाग तथा सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग की परियोजनाओं, जिनकी मुख्यमंत्री ने पहले ही आधारशिला रखी है, की निविदा प्रक्रिया में तेजी लाने का आग्रह किया। उन्होंने विधानसभा क्षेत्र में तकनीकी संस्थानों के निर्माण का भी आग्रह किया।

बैजनाथ: विधायक किशोरी लाल ने मुख्यमंत्री से बैजनाथ के ऐतिहासिक शिव मंदिर के नीचे भू-स्खलन की प्रक्रिया को बंद करने के लिए सम्बन्धित विभाग को आवश्यक कदम उठाने के निर्देश देने का आग्रह किया। उन्होंने बैजनाथ में पार्किंग सुविधा सहित खीर-गंगा घाट के विकास एवं सौंदर्यीकरण के लिए अपनी प्राथमिकता रखी। इसके अतिरिक्त, प्रसिद्ध बैजनाथ कूहल सहित अन्य कूहलों को पुनः क्रियाशील करना एवं इनकी मुरम्मत की मांग की। उन्होंने भारी वाहनों के लिए पपरोला में बाईपास के निर्माण, ततवानी में गर्म पानी के चश्मों का विकास तथा उतराला से जालसू के लिए सड़क निर्माण की मांग भी रखी।

किन्नौर: हिमाचल प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष जगत सिंह नेगी ने जनजातीय क्षेत्रों के लिए केन्द्रीय प्रायोजित योजनाओं के अन्तर्गत और अधिक बजट उपलब्ध करवाने का आग्रह किया। उन्होंने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के निर्माण के लिए मानदंडों में छूट प्रदान करने का भी आग्रह किया।

लाहौल एवं स्पिति: विधायक रवि ठाकुर ने डॉक्टरों के पदों को भरने तथा मांग पर मरीजों एवं अन्य लोगों को हैलिकॉप्टर सुविधा प्रदान करने का आग्रह किया। उन्होंने मटर की फसलों पर अनुदान में बढ़ौतरी करने तथा पावर टिल्लर्ज़ एवं स्प्रिंकलरों के बजट में वृद्धि करने को कहा। उन्होंने स्पिति नदी के तटीकरण की मांग की, क्योंकि इसका स्पैन काफी चौड़ा है तथा क्षेत्र को कृषि योग्य बनाया जा सकता है। उन्होंने स्पिति घाटी को किन्नौर से जोड़ने वाली मुध-भावा सड़क की वन स्वीकृति का मामला उठाने का आग्रह किया।

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