राज्य सरकारों के साथ मिलकर संयुक्त उद्यम कंपनियों के गठन को कैबिनेट की मंजूरी

 

 नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल (कैबिनेट) ने राज्यों में रेलवे से जुड़ी विभिन्न बुनियादी ढांचागत परियोजनाओं को शुरू करने के लिए संसाधन जुटाने हेतु रेल मंत्रालय को राज्य सरकारों के साथ मिलकर संयुक्त उद्यम कंपनियों के गठन को अपनी मंजूरी दे दी है। संयुक्त उद्यम कंपनियों का गठन रेल मंत्रालय और संबंधित राज्य सरकारों की इक्विटी भागीदारी के साथ किया जाएगा। हर संयुक्‍त उद्यम (जेवी) के पास 100 करोड़ रुपये की आरंभिक चुकता पूंजी होगी, जो शुरू की जाने वाली परियोजनाओं की संख्‍या पर आधारित होगी। रेल मंत्रालय की आरंभिक चुकता पूंजी हर राज्‍य के लिए 50 करोड़ रुपये तक सीमित होगी। परियोजनाओं के लिए और ज्‍यादा धनराशि/इक्विटी डालने का काम परियोजना को मंजूरी मिलने और उपयुक्‍त सक्षम प्राधिकारी के स्‍तर पर उसके वित्‍त पोषण के बाद किया जाएगा।

संयुक्‍त उद्यम अन्‍य हितधारकों जैसे कि बैंकों, बंदरगाहों, सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों, खनन कंपनियों इत्‍यादि द्वारा इक्विटी अंशभागिता के साथ परियोजना विशेष के लिए एसपीवी का भी गठन कर सकेगा। संयुक्‍त उद्यम के गठन की व्‍यवस्‍था से वित्‍तीय भागीदारी और निर्णय लेने की प्रक्रिया दोनों ही लिहाज से रेल परियोजनाओं में राज्‍य सरकारों की अपेक्षाकृत ज्‍यादा भागीदारी सुनिश्चित होगी। इससे त्‍वरित वैधानिक मंजूरियां पाने के साथ-साथ भूमि अधिग्रहण में भी आसानी होगी। यात्रा कर रहे लोगों के अलावा विभिन्‍न सीमेंट, इस्‍पात, विद्युत संयंत्रों इत्‍यादि को अपने कच्‍चे माल एवं तैयार उत्‍पादों की ढुलाई के लिए आवश्‍यक रेल संपर्क प्राप्‍त होगा।

राजस्थान इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंस्ट्रूमेंट्स लिमिटेड, जयपुर को एक स्वतंत्र केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम में परिवर्तित करने को सीसीईए की मंजूरी

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में आर्थिक मामलों पर कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने राजस्थान इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंस्ट्रूमेंट्स लिमिटेड (आरईआईएल), जयपुर को उसकी जनक कंपनी इंस्ट्रूमेंटेशन लिमिटेड (आईएल) से अलग करने और उसे भारी उद्योग विभाग के अधीन एक स्वतंत्र केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (सीपीएसई) में परिवर्तित करने को मंजूरी दे दी है।

भारत सरकार प्रति शेयर 77.09 रुपये की बुक वैल्यू पर आईएल की 51 फीसदी शेयरधारिता (प्रत्येक 10 रुपये के अंकित मूल्य के 62,47,500 शेयर) खरीदेगी। यह एक उचित मूल्यांकन है, जो 31 मार्च, 2015 को 48.16 करोड़ रुपये बैठती है।

इससे आरईआईएल को एक स्वतंत्र सीपीएसई में परिवर्तित करना संभव हो पाएगा, जिसे कारोबार के अवसरों को भुनाने के लिए अपेक्षाकृत ज्‍यादा स्‍वायतत्‍ता प्राप्‍त होगी और अपने विस्तारीकरण के लिए पूंजी बाजार में उतरने की आजादी होगी। इससे आरईआईएल को अपनी क्षमता के अनुरूप विकास का स्तर प्राप्त करने में मदद मिलेगी।

पृष्‍ठभूमि : आरईआईएल का गठन वर्ष 1981 में आईएल और राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास एवं निवेश निगम, जयपुर (रीको) की एक संयुक्त उद्यम कंपनी के रूप में 40 लाख रुपये की प्रारंभिक अधिकृत एवं चुकता पूंजी के साथ किया गया था।

 

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