उचित दरों पर उपलब्ध करवाए जा रहे हैं एलईडी बल्ब

  • भारत सरकार के दिशा-निर्देशानुसार हिमाचल प्रदेश सहित देश के विभिन्न राज्यों में किया जा रहा है कार्यान्वित
  • खरीद प्रक्रिया में बरती गई है पूरी पारदर्शिता
  • बल्बों की कीमतों का मुद्दा है, घरेलु उपभोक्ताओं को तीन एलईडी बल्ब बाजार से कम दरों में उपलब्ध
  • तीन बल्बों की अदायगी बिजली बिलों के साथ करने का विकल्प
  • खरीद मूल्य के अलावा बल्बों पर कर तथा जागरुकता पर अन्य व्यय, वितरण तथा अन्य प्रशासनिक व्यय शामिल
  • हिमाचल प्रदेश सहित सभी राज्यों में एलईडी की अन्तिम वितरण कीमत 100 रुपये
भारत सरकार के दिशा-निर्देशानुसार हिमाचल प्रदेश सहित देश के विभिन्न राज्यों में किया जा रहा है कार्यान्वित

भारत सरकार के दिशा-निर्देशानुसार हिमाचल प्रदेश सहित देश के विभिन्न राज्यों में किया जा रहा है कार्यान्वित

हिमाचल प्रदेश में डीईएलपी कार्यक्रम का क्रियान्वयन हि.प्र. राज्य विद्युत बोर्ड द्वारा केन्द्रीय ऊर्जा मंत्रालय के अन्तर्गत सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम मैसर्ज एनेर्जी एफीसियन्सी सर्विसिज लिमिटेड (ईईएसएल) के माध्यम से किया जा रहा है।

हिमाचल प्रदेश में डीईएलपी कार्यक्रम का क्रियान्वयन हि.प्र. राज्य विद्युत बोर्ड द्वारा केन्द्रीय ऊर्जा मंत्रालय के अन्तर्गत सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम मैसर्ज एनेर्जी एफीसियन्सी सर्विसिज लिमिटेड (ईईएसएल) के माध्यम से किया जा रहा है।

शिमला: प्रदेश सरकार ने राज्य में केन्द्रीय प्रायोजित घरेलु कुशल प्रकाश कार्यक्रम (डीईएलपी) योजना के क्रियान्वयन में अनियमितताओं को लेकर कुछ समाचार समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों का पुरजोर खण्डन किया है। प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने आज यहां कहा कि ये आरोप पूरी तरह से निराधार एवं तथ्यों से परे हैं तथा लोगों को गुमराह करने वाले हैं।

उन्होंने स्पष्ट किया कि यह कार्यक्रम भारत सरकार के दिशा-निर्देशानुसार हिमाचल प्रदेश सहित देश के विभिन्न राज्यों में कार्यान्वित किया जा रहा है। हिमाचल प्रदेश में डीईएलपी कार्यक्रम का क्रियान्वयन हि.प्र. राज्य विद्युत बोर्ड द्वारा केन्द्रीय ऊर्जा मंत्रालय के अन्तर्गत सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम मैसर्ज एनेर्जी एफीसियन्सी सर्विसिज लिमिटेड (ईईएसएल) के माध्यम से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ईईएसएल ने दिशा-निर्देशानुसर खुली बोली प्रतिस्पर्धा के आधार पर एलईडी बल्बों की खरीद के लिये निविदाएं आमंत्रित की थी। इस तरह से खरीद प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता बरती गई है। इसके अतिरिक्त, राज्य विद्युत बोर्ड ने खुली प्रतिस्पर्धा बोली में भाग नहीं लिया।

प्रवक्ता ने कहा कि जहां तक बल्बों की कीमतों का मुद्दा है, घरेलु उपभोक्ताओं को तीन एलईडी बल्ब बाजार से कम दरों में उपलब्ध करवाए जा रहे हैं तथा उन्हें तीन बल्बों की अदायगी बिजली बिलों के साथ करने का विकल्प भी दिया गया है।

उन्होंने कहा कि जनवरी, 2016 में 9 वाट के एलईडी बल्बों की खरीद मध्य प्रदेश में की गई तथा ईईएसएल इसका खरीद मूल्य कम करने में सफल रहा। वहां 64.41 रुपये (सभी करों को छोड़कर) प्रति बल्ब की दर से खरीद की गई। यह लाभ अन्य राज्यों को छोड़कर केवल मध्य प्रदेश को ही होना था। ईईएसएल ने सूचित किया है कि खरीद मूल्य के अलावा बल्बों पर कर तथा जागरुकता पर अन्य व्यय, वितरण तथा अन्य प्रशासनिक व्यय शामिल हैं। इस प्रकार हिमाचल प्रदेश सहित सभी राज्यों में एलईडी की अन्तिम वितरण कीमत 100 रुपये रहेगी।

भारत सरकार के सचिव को पॉन्डीचेरी और आन्ध्र प्रदेश में डीईएलपी मामले के अध्ययन के बारे में अवगत करवाया गया है कि ईईएसएल के अनुभव को देखते हुए पूंजी लागत को कम किया जा सकता है जिससे बड़ी मात्रा में खरीद पर एलईडी बल्ब की कीमत काफी नीचे आ सकती है। 75 लाख एलईडी बल्बों की खरीद मामले में (वर्ष 2014 के दौरान तीन निविदाओं में) पहले ही कीमतों में भारी गिरावट दर्ज की गई जो 400 रुपये प्रति बल्ब से 149 रुपये प्रति बल्ब यानि 60 प्रतिशत की कमी थी।

पाण्डीचेरी के लिये जनवरी, 2014 के दौरान 7 वाट एलईडी की प्रारम्भिक खरीद में ईईएसएल ने 310 रुपये की दर हासिल की। बाद में, अन्य राज्यों के लिये सितम्बर, 2014 से फरवरी, 2015 के दौरान 204 रुपये से 104 रुपये के बीच खरीद की गई। ईईएसएल द्वारा बड़ी मात्रा में एवं पारदर्शी खरीद के माध्यम से एलईडी की कीमतों में तेजी से कमी हासिल की। जून, 2015 में 7 वाट एलईडी बल्ब की खरीद के लिये अन्तिम मूल कीमत 78 रुपये थी। ईईएसएल कीमतों की पूलिंग के माध्यम से उपभोक्ताओं को इस कीमत का लाभ देने में सफल रहा।

 

 

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