शिमला: भाजयुमो राष्ट्रीय सचिव नरेन्द्र अत्री, भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष सुनील ठाकुर, महामंत्री विशाल चौहान ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह पर सैन्ट्रल युनिवर्सिटी के नाम पर प्रदेश की जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया है। उन्होनें कहा कि वीरभद्र सिंह युवाओं के हितों से खिलवाड़ कर रहे हैं, जानबूझकर इस मामले को उलझाना चाह रहे हैं ताकि उनके शासनकाल में कांगड़ा में यह युनिवर्सिटी न बने। उन्होनें कहा कि अगर मुख्यमंत्री की मंशा युनिवर्सिटी बनाने की होती तो वह किसी भी तरह से इस मामले को क्षेत्रवाद में नहीं उलझाते। इससे पूर्व किसी भी मुख्यमंत्री ने इस तरह की राजनीति नहीं की है।
भाजयुमो नेताओं ने कहा कि अपने परिवार के लिए तो मुख्यमंत्री को परिवारवाद नहीं होता है परन्तु दूसरों के लिए वह परिवारवाद के आरोप लगाते रहते हैं। अपनी पत्नी को सांसद, विक्रमादित्य को युवा कांग्रेस का अध्यक्ष व स्किल बोर्ड का चेयरमैन बनाने के लिए हर तरह के हथकंडे अपनाये, परन्तु अपनी ही पार्टी के सांसद पर गलत आरोप लगाने से मुख्यमंत्री बाज नहीं आ रहे हैं। मुख्यमंत्री कहा यह बयान कि अगर गलती उनके बेटे ने की है तो वे उसे भी नहीं बखशेंगे, निरा हास्यास्पद है क्योंकि भाजपा कार्यालय पर पथराव करने व भाजपा कार्यकर्ता की एक आंख फोड़ने के मुख्य दोषी होने के बावजूद आज तक विक्रमादित्य के खिलाफ कोई भी कदम नहीं उठाया गया है। मुख्यमंत्री केवल बड़े-2 वायदों से प्रदेश का विकास करना जानते हैं। धरातलीय वास्तविकता यह है कि पिछले तीन वर्षों में कानून व्यवस्था सहित हर मामले में प्रदेश पिछड़ा है।
भाजयुमो नेताओं ने कहा कि दूसरों पर कीचड़ उछालने से पूर्व वीरभद्र सिंह को अपनी सरकार की कार्यप्रणाली का भी अवलोकन करना चाहिए। वर्तमान सरकार में मुख्यमंत्री सहित कोई ऐसा मंत्री नहीं है जिस पर भ्रष्टाचार के संगीन आरोप नहीं है। आरोपों की जांच तो दूर मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार को संरक्षण देने में लगे हुए हैं। अपराधियों को संरक्षण देने की सरकारी प्रवृति के चलते पिछले तीन वर्षों में कानून व्यवस्था पूरी तरह से बिगड़ चुकी है। आये दिन खून व बलात्कार की घटनाओं से प्रदेश शर्मसार हो रहा है। वन माफिया, खनन माफिया, ड्रग्स माफिया पर सत्ताधारियों का संरक्षण किसी से छिपा हुआ नहीं है।