मां बनना हर औरत के लिए सबसे अहम और खूबसूरत पल होता है। जब कोई औरत गर्भवती होती है तो यह उसके लिए ही नहीं बल्कि पूरे परिवार और विशेषकर पिता के लिए भी यह पल बहुत ख़ुशी के साथ-साथ अहम होते हैं। ऐसे समय में मां को कैसा अनुभव होगा और किस महीने में बच्चे का कितना विकास होगा, यह जानने की उत्सुकता सभी को होती है। हम इस बार गर्भावस्था के दौरान बच्चे के विकास के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं। साथ ही इस समय क्या-क्या सावधानियां बरतनी चाहिए इस बारे में भी आपको बताने जा रहे हैं। प्रस्तुत है इस विषय पर कमला नेहरू अस्पताल के गाईनिकॉलोजिस्ट डॉक्टर सुभाष चौहान से हिम शिमला लाइव संपादक मीना कौंडल की विशेष बातचीत :
प्रश्न: पहले से नौंवे महीने में शिशु का किस तरह अपनी मां के गर्भ में विकास होता है इस बारे में विस्तार से जानकारी दीजिए?
उत्तर: मैं सबसे पहले आपको संक्षेप में बताना चाहूँगा कि किस तरह गर्भावस्था के दौरान भ्रूण से शिशु का पूर्ण विकास होता है। गर्भावस्था के दौरान भ्रूण से शिशु के पूर्ण विकास के लिए लगभग 40 सप्ताह लगते हैं। इस अवधि की समाप्ति पर पूरे हो गए महीने को (फुल टर्म) कहा जाता है। यही है गर्भावस्था का पूरा समय। 4 सप्ताह पर : निषेचित अंडाणु विभाजित होना प्रारंभ करता है और कोशिकाओं के झुंड में बढ़ने लगता है। फिर वह गर्भाशय की दीवारों से जुड़ जाता है। उठती थैली में निहित तरल कोष में भ्रूण के संपूर्ण अंगों का विकास प्रारंभ हो जाता है। जन्म होने तक शिशु का विकास इसमें ही होता है। यह तरल पदार्थ शिशु के लिए एक कुशन गद्दे का काम करता है। 8 सप्ताह पर : भ्रूण को गर्भ कहा जाता है और इस दौरान दिमाग के तेज विकास के साथ ही अंगों का बनना शुरू हो जाता है। 12 सप्ताह पर : गर्भ लड़का या लड़की होने के चिह्न दर्शाता है और नाखून भी निकलने लगते हैं। 16 सप्ताह पर : मां के द्वारा अपने पेट के भीतर भ्रूण द्वारा होने वाली हलचलों को महसूस किया जा सकता है। 24 सप्ताह पर : भ्रूण 12 इंच लंबा हो जाता है और बार-बार अपनी स्थिति बदलता है, वह एक लघु चित्र की तरह दिखाई देता है। केवल उस की चमड़ी लाल व सिकुड़ी सी होती है और उसकी भीतरी तह में वसा नहीं होती। 28 सप्ताह पर : भ्रूण लगभग 15 इंच लंबा होता है और अपनी जगह स्थिर हो जाता है। 36 सप्ताह पर : भ्रूण 19 इंच लंबा हो जाता है और तब तक शिशु का पूर्ण विकास हो चुका होता है।