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प्रदेश की लोक धड़कन "हिमाचल के वाद्य यंत्र"

मंगल कार्यों, देव उत्सवों व मेले-जातरों में हिमाचल के वाद्य यंत्रों की धुनों से गुंजयमान होकर भावविभोर हो उठता है वातावरण

प्रदेश की लोक धड़कन “हिमाचल के वाद्य यंत्र” हिमाचल में लोक संस्कृति का विशेष महत्व है। ऐसे में हिमाचली लोक वाद्य यंत्रों की अगर बात की जाए, तो यह कहना गलत नहीं होगा कि जब हिमाचली वाद्य...

60 के दशक की मशहूर अभिनेत्री "साधना" ने दुनिया को कहा... अलविदा

“यादों के झरोखे”: 60 के दशक की मशहूर अभिनेत्री “साधना” …..

जो आँखों से ओझल हो जाते हैं वो कहीं न कहीं दिल में हमेशा के लिए याद बनकर बस जाते हैं जी हाँ आज अपने “यादों के झरोखे” कॉलम में  हम याद कर रहे हैं 60 के दशक की मशहूर अभिनेत्री “साधना” जी को।...

हिमाचल : पर्यटन को विकसित करने के लिए 1900 करोड़ स्वीकृत, स्थानीय युवाओं के लिए बढ़ेंगे रोज़गार के अवसर

हिमाचल : “शिशु के जन्म से लेकर नामकरण व मुंडन रीति-रिवाज”

जिस प्रकार किसी व्यक्ति की आदतें और उसकी अभिव्यक्ति का ढंग उसके चरित्र के द्योतक हैं, उसी प्रकार किसी समाज में प्रचलित रीति-रिवाज उसकी नैतिक चेतना के प्रतीक होते हैं। इस प्रकार रीति से...

आज भी जीवित है लाहौल-स्पीति में बौद्ध सभ्यता और संस्कृति का प्राचीन इतिहास

हिमाचल: आज भी कायम है लाहौल-स्पीति में बौद्ध सभ्यता और संस्कृति का प्राचीन इतिहास

 लाहौल-स्पीति में रीति रिवाजों की अनोखी परम्परा,…. होती है प्रकृति की पूजा देवभूमि हिमाचल जहां अपनी प्राकृतिक छटा चहुं ओर बिखेरे हुए है वहीं प्रदेश का एक अद्भुत प्राकृतिक स्थल...

आधुनिकता भरे माहौल में आज भी परंपरागत गहनों को सजीव रखे ... किन्नौरी महिलाओं का श्रृंगार

श्रृंगार और परिधान “किन्नौर” की परंपरा के विशेष परिचायक

आधुनिकता भरे माहौल में आज भी परंपरागत गहनों को सजीव रखे … किन्नौरी महिलाओं का श्रृंगार सिर से पांव तक गहनों से लदी किन्नौरी महिलाओं का श्रृंगार इनकी संस्कृति की सजीवता का प्रतीक  हिमाचल के...

“बच्चे” क्यों करते हैं...“जिद्द”

“बच्चे” हो जाते हैं…“जिद्दी”

बच्चों की जिद्द के पीछे कोई ठोस कारण प्रस्तुत नहीं किए जा सकते क्योंकि सभी बच्चों की रूचियां व भावनाएं भिन्न-भिन्न होती हैं। कोई वस्तु यदि एक बालक के लिए आकर्षण का केंद्र बिंदु है तो दूसरा...