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दिवाली का पौराणिक महत्व, पंच-पर्वों का त्‍यौहार: दीपावली

“धनतेरस” दीपावली पर्व की शुरुआत का प्रतीक…

दिवाली का पौराणिक महत्व, पंच-पर्वों का त्‍यौहार: दीपावली दीपावली की पूरी रात दीपक प्रज्‍वलित रखते हैं, जिसके संदर्भ में हिन्‍दु धर्म में कई मान्‍यताऐं हैं, जिनमें से कुछ का वर्णन पिछले...

आधुनिकता भरे माहौल में आज भी परंपरागत गहनों को सजीव रखे ... किन्नौरी महिलाओं का श्रृंगार

श्रृंगार और परिधान “किन्नौर” की परंपरा के विशेष परिचायक

आधुनिकता भरे माहौल में आज भी परंपरागत गहनों को सजीव रखे … किन्नौरी महिलाओं का श्रृंगार सिर से पांव तक गहनों से लदी किन्नौरी महिलाओं का श्रृंगार इनकी संस्कृति की सजीवता का प्रतीक  हिमाचल के...

“बच्चे” क्यों करते हैं...“जिद्द”

“बच्चे” हो जाते हैं…“जिद्दी”

बच्चों की जिद्द के पीछे कोई ठोस कारण प्रस्तुत नहीं किए जा सकते क्योंकि सभी बच्चों की रूचियां व भावनाएं भिन्न-भिन्न होती हैं। कोई वस्तु यदि एक बालक के लिए आकर्षण का केंद्र बिंदु है तो दूसरा...

प्रदेश की लोक धड़कन "हिमाचल के वाद्य यंत्र"

प्रदेश की लोक धड़कन “हिमाचल के वाद्य यंत्र”

हिमाचल में लोक संस्कृति का विशेष महत्व है। ऐसे में हिमाचली लोक वाद्य यंत्रों की अगर बात की जाए, तो यह कहना गलत नहीं होगा कि जब हिमाचली वाद्य यंत्र अपने सुर ताल में बजते हैं तो देवी- देवताओं की...

यादों के झरोखे: सशक्त अभिनय से पहचान बनाने वाली महान नैसर्गिक अभिनेत्री : नूतन

यादों के झरोखे: सशक्त अभिनय से पहचान बनाने वाली महान नैसर्गिक अभिनेत्री : नूतन

नूतन ने बहुत कम समय में ही अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा लिया नूतन की गीत और गजल लिखने में भी थी दिलचस्पी कुछ पल जीवन के ऐसे भी होते हैं जो हमारे दिल के बहुत करीब होते हैं। पुराने दौर के फ़िल्मी...

पारम्परिक परिधानों व आभूषणों से सुशोभित हिमाचल की छटा बिखेरता पहाड़ी लोकनृत्य

हिमाचल की संस्कृति को संजोये प्रदेश के हर जिले के अनूठे लोकनृत्य

हिमाचल का विश्व विख्यात “पहाड़ी लोकनृत्य” हिमाचल प्रदेश के लोक नृत्य हिमाचल में लोकनृत्य की अपनी ही एक अनोखी परम्परा है। प्रदेश के हर जिले में अलग-अलग भाषाएं, संस्कृति, त्यौहार, मेले,...

अभिनय के सम्राट.... "दिलीप कुमार"

‘उड़े जब-जब जुल्फें तेरी’..अभिनय के सम्राट “दिलीप कुमार”

एक कलाकार जिसने आते ही फ़िल्मी जगत में हलचल मचा दी वो हैं “दिलीप कुमार” बॉलीवुड ऐसा नहीं था जैसा आज आप देख रहे हैं, इसको इस मुकाम तक पहुंचाने के लिए बहुत लोगों का अदद प्रयास रहा है। 1913-14 से शुरू...