बिशु आयोजन के दिन सबसे पहले की जाती है कुलदेवता की पूजा पहाड़ वासियों ने लुप्त हो रही सांस्कृतिक परंपरा को जैसे-तैसे करके जीवित रखा है शिमला और सिरमौर में अप्रैल-मई में किया जाता है बिशु मेले...
श्री रघुनाथ मन्दिर मंदिर की विशेषता, भगवान रघुनाथ जी के विषय में जानकारी आज भी जगतसिंह के वंशज का बड़ा सुपुत्र श्री रघुनाथ जी का छड़ीदार हिमाचल देवभूमि है। यहां पर अनेकों देवी-देवताओं का वास...
त्रिर्गत के तीन शक्तिपीठों में ज्वालाजी, वज्रेश्वरी और चिंतपूर्णी उल्लेखनीय शक्तिपीठ पहला स्थान माता वैष्णों देवी को दिया जाता है, जो जम्मू-कश्मीर में पड़ता है स्वर्ण कलशों से सजा...
प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण सराहन मार्कण्डेय पुराण में “माता भीमाकाली” वर्णन मार्कण्डेय पुराण में वर्णन : राक्षसों के विनाश के लिए मैं हिमाचल भूमि में भीम रूप में प्रकट होउंगी तब मेरा...
…राजा की बेटी ने दुल्हन ने जिद्द की थी कि वह सिरमौर तभी जाएगी यदि उसके साथ गुज्जर भी जाएंगे गुज्जरों का पशुधन भैंसे गुज्जरों का पशुधन भैंसे होती हैं ठीक वैसे ही जैसे गद्दियों की भेड़ें होती...
हिमाचल प्रदेश के मनाली से करीब चार किलोमीटर दूर लेह राजमार्ग पर स्थित है वशिष्ठ। एक ऐसा गांव जो अपने दामन में पौराणिक स्मृतियां छुपाये हुए है। महर्षि वशिष्ठ ने इसी स्थान पर बैठकर तपस्या की...
ऐतिहासिक घटनाओं, तन्त्र-मन्त्र सिद्धियों, ज्योतिष विद्याओं, देव परम्पराओं व धार्मिक विश्वासों का प्रतीक मंदिर में मकर संक्रांति मनाने की अनोखी परम्परा मक्खन को घाव, फोड़े-फिंसियों पर...
